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कोयला खदान में फंसे 15 मज़दूरों को निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन जारी
मेघालय में नौसेना और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के गोताखोरों ने कोयला खदान में फंसे खनिकों को बचाने का प्रयास जारी है. 13 दिसंबर से 15 खनिक पानी से भरे खदान में फंसे हुए हैं. कोयला खदान के मुख्य द्वार के पास स्थित मार्ग से पानी निकालने के काम में जुट हुुआ है. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने मेघालय की लुमथरी की कोयला खदान में फंसे 15 मजदूरों को लेकर केंद्र सरकार और राज्य सरकार से 7 जनवरी तक राहत कार्यों की स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया था. कोर्ट ने दोनों सरकार से कहा कि उनके द्वारा अब तक राहत के लिए जो भी क़दम उठाए गए हैं उसकी विस्तृत स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करें. इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि ऑथोरिटी शुरुआत में ही राहत कार्यों को सही तरीके से अंजाम देने में नाकामयाब रही है.
#MeghalayaMiners : Operation continues to rescue the miners who have been trapped in a mine at Ksan near Lyteiñ River in East Jaintia Hills. They are trapped there since 13 December. pic.twitter.com/zSv9U8A4Sw
— ANI (@ANI) January 10, 2019
13 दिसंबर से अवैध कोयला खदान में फंसे मज़दूरों के रेस्क्यू के लिए जद्दोजहत जारी है. कोयला खदान में पानी रेस्क्यू ऑपरेशन में मुश्किलें डाल रहा है. रविवार को गोताखोरों की टीम पहली बार खदान में उतरी थी लेकिन पानी ज्यादा होने के कारण ग्राउंड लेवल तक पहुंच नहीं पाई थी. NDRF ने मीडिया में आईं उन खबरों का खंडन किया था जिनमें कहा गया था कि खदान के भीतर से आ रही दुर्गंध के कारण यह आशंका जताई जा रही है कि वहां फंसे मजदूरों की मौत हो चुकी है.
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ससे पहले एनडीआरएफ की एक बचाव टीम ने कोयला खदान के मुख्य शाफ्ट में छानबीन की, फिर भी किसी मजदूर का पता नहीं लग सका. सीआईएल विभिन्न जगहों से अपने 100 हॉर्सपॉवर के उच्च क्षमता वाले सबमरसिबल पंप को हवाई मार्ग से गुवाहाटी हवाईअड्डे तक पहुंचाने की योजना बना रही है, जिसके बाद पंपों को सड़क मार्ग से पूर्वी जयंतिया हिल्स जिले के कसान गांव पहुंचाया जाएगा.
मुख्यमंत्री कोनराड संगमा ने गृहमंत्री राजनाथ सिंह और कोयला मंत्री पीयूष गोयल से मुलाकात की और खदान में फंसे मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए तुरंत केंद्रीय सहायता की मांग की.
Source : News Nation Bureau