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केरल में तबाही मचाने के बाद अब राजस्थान में दस्तक दे रहा है यह खतरनाक वायरस, चिकित्सा विभाग अलर्ट

राजस्थान स्वास्थ्य विभाग ने सभी जिलों के सीएमएचओ को निपाह वायरस को लेकर केन्द्र सरकार की गाइड लाइन भेजकर माइक्रो मॉनिटरिंग के निर्देश दिए है.

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Ravindra Singh
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केरल में तबाही मचाने के बाद अब राजस्थान में दस्तक दे रहा है यह खतरनाक वायरस, चिकित्सा विभाग अलर्ट

'निपाह' वायरस ने केरल के बाद राजस्थान में दी दस्तक (सांकेतिक चित्र)

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वायरस के लक्षण, रोकथाम और विभागीय तैयारियां की समीक्षा सभी CMHO ,स्वास्थ्य अधिकारियों को भेजी गई गाइडलाइन चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा के जारी किए निर्देश निपाह की रोकथाम-नियंत्रण हेतु माइक्रो-मॉनिटरिंग के निर्देश केरल से आने वाले यात्रियों की विशेष स्क्रीनिंग के भी निर्देश. केरल में निपाह वायरस की दस्तक के बाद राजस्थान का चिकित्सा विभाग भी अलर्ट मोड में आ गया है.

राजस्थान स्वास्थ्य विभाग ने सभी जिलों के सीएमएचओ को निपाह वायरस को लेकर केन्द्र सरकार की गाइड लाइन भेजकर माइक्रो मॉनिटरिंग के निर्देश दिए है. साथ ही केरल से राजस्थान आने वाले टूरिस्ट व अन्य व्यक्तियों को लेकर भी अलग से स्क्रीनिंग पाइंट जारी किए है. निपाह वायरस की दस्तक ने एकबार फिर पूरे देश में खलबली मचा दी है. केरल के चिकित्सा मंत्री की तरफ से एक मरीज में निपाह वायरस की पुष्टि के बाद राजस्थान का चिकित्सा विभाग ने भी ऐतियातन कदम उठाने शुरू कर दिए है.

इसी के मद्देनजर सूबे के चिकित्सा मंत्री डॉ रघु शर्मा ने आलाधिकारियों की बैठक बुलाई और निपाह वायरस की रोकथाम और नियंत्रण के लिए दिशा-निर्देश दिए. बैठक में मंत्री ने जिलों में रेपिड रेस्पोंस टीमों को सतर्क करने के साथ ही किसी भी संदिग्ध मरीजों के मिलने पर उसे तत्काल चिन्हित कर उनकी जाचं एवं उपचार के बारे में निर्देश दिए. चिकित्सा मंत्री ने निपाह सहित वायरस के कारण होने वाले अन्य रोगों की दक्षतापूर्ण जांच के लिए एक विशेष टीम को प्रशिक्षण के लिए पूना स्थित नेशनल वायरोलाजी लैब भेजने के निर्देश दिए. निपाह की दस्तक के चलते चिकित्सा विभाग कोई कोताही बरतना नहीं चाहता है.

निपाह वायरस के कारण, लक्षण और बचाव

  • निपाह वायरस स्वाभाविक रूप से जानवरों से मनुष्यों तक फैलता है
  • यह रोग 2001 में और फिर 2007 में पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी में भी सामने आया था
  • इसके बाद पिछले साल केरल में 16 लोगों की मौत, इस साल फिर से मिला केस
  • विशेषज्ञों के मुताबिक यह वायरस चमगादड़ के अलावा सुअर से फैलता है।
  • ये मानव से मानव में भी फैल सकता है, इस वायरस से पीड़ित चमगादड़ जब किसी फल को खा लेते हैं तो ऐसे फल से इंसान या जानवर भी संक्रमित हो जाता है
  • यह वायरस मरीज के सीधे दिमाग को नुकसान पहुंचाता है, जिसके चलते उसे बचा पाना काफी मुश्किल होता है।
  • निपाह वायरस के लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, उल्टी, सूजन, विचलित होना और मानसिक भ्रम आदि शामिल है
  •  संक्रमित व्यक्ति 24 से 48 घंटों के भीतर कॉमेटोज हो सकता है. निपाह एन्सेफेलाइटिस की मृत्यु दर 9 से 75 प्रतिशत तक है

क्या रखें सावधानी

  • यह सुनिश्चित करें कि आप जो खाना खाते हैं वह चमगादड़ या उनके मल से दूषित नहीं है
  • चमगादड़ के कुतरे फलों को खाने से बचें,
  • बीमारी से पीड़ित किसी भी व्यक्ति से संपर्क में आने से बचें
  • यदि कोई संदिग्घ मरीज के सम्पर्क में आए तो अपने साफ-सफाई का ध्यान रखे, रोगी के लिए उपयोग बाल्टी, मग, कपडे, बर्तन सभी अलग रखें

    HIGHLIGHTS

  • केरल स्थित कोच्चि में एक मरीज में निपाह वायरस की पुष्टि
  • पिछले साल केरल में 16 लोगों की जान ले चुका यह वायरस
  • ऐसे में निपास वायरस की पुष्टि के साथ ही देशभर में अलर्ट
  • सूबे के चिकित्सा मंत्री डॉ रघु शर्मा ने बुलाई आपात बैठक

Source : Ajay Kumar Sharma

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