महाराष्ट्र में सरकार बनने के बाद सियासी असमंजस की स्थिति पर आज सुप्रीम कोर्ट से जो निर्देश जारी हुआ वह शिंदे और ठाकरे ग्रुप के लिए राहत भरा है। दरअसल 11 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में महाराष्ट्र की सियासी उठापटक पर सुनवाई की तारीख तय थी, लेकिन आज मामला सुनवाई के लिए लिस्ट नहीं हुआ। चूंकि ग्रीष्म अवकाश के बाद सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया की बेंच आज पहले दिन बैठे थे, वही सुबह 10:30 बजे उद्धव ग्रुप की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने मेंशनिंग की कि कल महाराष्ट्र विधानसभा में अयोग्यता की कार्यवाही पर विधायक के जवाब देने की तारीख तय है लेकिन नए स्पीकर शिंदे ग्रुप के विधायकों के खिलाफ अयोग्यता की कार्यवाही को खारिज करके उद्धव ग्रुप के बाकी 16 विधायकों पर अयोग्यता की कार्यवाही कर सकते हैं, जबकि सुप्रीम कोर्ट के समक्ष पहले से यह मसला विचाराधीन है अतः मौजूदा स्थितियों को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट से तुरंत सुनवाई की मांग की गई।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट में महाराष्ट्र के नए स्पीकर की ओर से हलफनामा दाखिल करके कहा गया कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में जो याचिका है विचाराधीन है उसका निपटारा विधानसभा कर सकती है।वहीं सीजीआई की बेंच ने सिब्बल की अर्जेंट मेंशनिंग पर यह कहा की यह मामला इतने कम समय में नहीं सुना जा सकता, इसके लिए स्पेशल बेंच का गठन किया जाएगा, साथ ही यह निर्देश दिया की जब तक सुप्रीम कोर्ट की स्पेशल बेंच का गठन करके याचिकाओं याचिकाओं का निपटारा नहीं किया जाता, तब तक किसी भी मौजूदा विधायक के खिलाफ स्पीकर या गवर्नर की ओर से कोई कार्यवाही नहीं होगी। सुप्रीम कोर्ट की आज की कार्यवाही और निर्देश से यह भी साफ हो गया है कि शिंदे ग्रुप आने वाले दिनों में मंत्रिमंडल का गठन कर सकता है क्योंकि शिंदे ग्रुप मंत्रिमंडल के गठन पर कोई कदम उठाने से पहले सुप्रीम कोर्ट की आज की सुनवाई का इंतजार कर रहा था, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट में आज शिंदे ग्रुप के विधायकों के खिलाफ अयोग्यता के नोटिस पर सुनवाई नहीं हुई तो मंत्रिमंडल के गठन में कोई अड़चन भी विशेषज्ञों को नजर नहीं आ रही है।
Source : Avneesh Chaudhary