दाऊद इब्राहिम पर MEA का बड़ा बयान- PAK ने कभी भी नहीं की आतंकियों पर कोई कार्रवाई
अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम (Dawood Ibrahim) पर विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को बड़ा बयान दिया है. MEA ने कहा कि पाकिस्तान ने कभी भी आतंकियों पर ठोस कार्रवाई नहीं की है.
नई दिल्ली:
अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम (Dawood Ibrahim) पर विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को बड़ा बयान दिया है. MEA ने कहा कि पाकिस्तान ने कभी भी आतंकियों पर ठोस कार्रवाई नहीं की है. भारत ने पाकिस्तान को हमले के पर्याप्त सबूत दिए हैं. मुंबई और पुलवामा के गुनहगारों को पाकिस्तान में पनाह दिया गया है. पाक के अंतरराष्ट्रीय आतंकियों को ट्रैक करेंगे.
दाऊद इब्राहिम पर पाकिस्तान के रुख बदलने के बारे में पूछे जाने पर विदेश मंत्रालय ने कहा कि वह आतंकी संगठनों, प्रतिबंधित लोगों के खिलाफ कभी प्रामाणिक, सत्यापन योग्य कार्रवाई नहीं करता. पाकिस्तान को सुनिश्चित करना चाहिए कि प्रतिबंधित लोगों पर मुकदमे चलाए जाएं. विदेश मंत्रालय ने दाऊद इब्राहिम की मौजूदगी पर इस्लामाबाद के रुख में बदलाव के बारे में पूछे जाने पर कहा.
पाकिस्तान ने पहली बार कबूला, उसके देश में ही रहता है दाऊद इब्राहिम
पाकिस्तान ने पहली बार उसकी भूमि पर भारत में वांछित अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी दाऊद इब्राहिम की मौजूद होने की बाद स्वीकार की थी. उसने कहा कि सरकार ने 88 आतंकवादी समूहों एवं उनके नेताओं पर प्रतिबंध लगाया जिसमें दाऊद भी शामिल है. पाकिस्तान सरकार द्वारा दाऊद का नाम उन आतंकवादी समूहों और उनके नेताओं की सूची में शामिल करने की आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है, जिन पर ताजा प्रतिबंध लगाये हैं. लेकिन पाकिस्तानी मीडिया की खबरें यदि सही हैं तो यह पहली बार है जब पाकिस्तान ने स्वीकार किया है कि दाऊद उसकी भूमि पर मौजूद है.
अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद वित्तपोषण पर निगरानी रखने वाली संस्था ‘वित्तीय कार्रवाई कार्य बल’ (एफएटीएफ) की ‘संदिग्ध सूची’ से बाहर आने की कोशिशों के तहत पाकिस्तान ने शुक्रवार को 88 प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों और हाफिज सईद, मसूद अजहर और दाऊद इब्राहिम समेत उनके आकाओं पर कड़े वित्तीय प्रतिबंध लगाये हैं. एक खबर में शनिवार को यह जानकारी दी गई है. दाऊद कई गैरकानूनी कारोबार में शामिल है और 1993 मुंबई बम धमाके के बाद वह भारत के लिए सबसे बड़ा वांछित आतंकवादी है. वर्ष 2003 में अमेरिका ने दाऊद को वैश्विक आतंकवादी घोषित किया था.
भारत पाकिस्तान से लागातर दाऊद को सौंपने की मांग करता रहा है ताकि उसपर उसके अपराधों का मुकदमा चलाया जा सके. उसके कराची में रहने की खबर है. पेरिस स्थित एफएटीएफ ने जून, 2018 में पाकिस्तान को ‘संदिग्ध सूची’ में डाला था और इस्लामाबाद को 2019 के अंत तक कार्ययोजना लागू करने को कहा था लेकिन कोविड-19 महामारी के कारण इस समय सीमा बढ़ा दी गई थी. सरकार ने 18 अगस्त को दो अधिसूचनाएं जारी करते हुए 26/11 मुंबई हमले के साजिशकर्ता और जमात-उद-दावा के सरगना सईद, जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख अजहर और अंडरवर्ल्ड डॉन इब्राहिम पर प्रतिबंधों की घोषणा की थी.
पाकिस्तानी समाचार पत्र ‘द न्यूज’ की खबर के अनुसार पाकिस्तान सरकार ने हाल ही में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) द्वारा जारी नई सूची के अनुपालन में आतंकवादी समूहों के 88 आकाओं और सदस्यों पर प्रतिबंध लगाये हैं. अधिसूचनाओं में घोषित प्रतिबंध जमात-उद-दावा, जैश-ए-मोहम्मद, तालिबान, दाएश, हक्कानी समूह, अलकायदा और अन्य पर लगाये गये हैं. खबर के अनुसार सरकार ने इन संगठनों और आकाओं की सभी चल और अचल संपत्तियों को जब्त करने और उनके बैंक खातों को सील करने के आदेश दिये है. सूची में शामिल आतंकवादियों के वित्तीय संस्थानों से लेनदेन करने और हथियार खरीदने पर भी रोक होगी.
सूची में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान और पाकिसतान -अफगानिस्तान सीमा के इलाके में छिपे इसके नेताओं पर पूर्ण प्रतिबंध की पुष्टि की गई है. खबर के अनुसार सईद, अजहर, मुल्ला फजलुल्ला (उर्फ मुल्ला रेडियो), जकीउर रहमान लखवी, मुहम्मद यह्या मुजाहिद, अब्दुल हकीम मुराद, नूर वली महसूद, उजबेकिस्तान लिबरेशन मूवमेंट के फजल रहीम शाह, तालिबान नेताओं जलालुद्दीन हक्कानी, खलील अहमद हक्कानी, यह्या हक्कानी, तथा इब्राहिम और उनके सहयोगी सूची में हैं. अधिसूचना के मुताबिक तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान और अन्य संगठनों जिसमें लश्कर-ए-तैयबा, जैश ए मोहम्मद, लश्कर ए झांगवी, तारिक गीदर समूह, हरकतुल मुहाहिदीन, अल रशाीद ट्रस्ट, तंजिम खुत्ब इमाम बुखारी, राबिता ट्रस्ट लाहौर आदि संगठनों और इनके नेताओं पर रोक होगी.
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