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चीन की आक्रामकता पर MEA का बयान, राष्ट्र की सुरक्षा के लिए हर कदम उठाएंगे

डोकलाम के पास चीन की कथित घुसपैठ पर पूछे गए सवाल पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि सरकार देश की सुरक्षा को प्रभावित करने वाले सभी घटनाक्रमों पर लगातार नजर रख रही है.

Updated on: 21 Jul 2022, 07:31 PM

highlights

  • अरिंदम बागची ने कहा, सभी घटनाक्रमों पर लगातार नजर रख रही सरकार
  • अल्‍पसंख्‍यकों के साथ हो रहे बुरे व्यवहार पर भी की टिप्पणी
  •  हम श्रीलंका के लोगों के साथ खड़े रहना जारी रखेंगे

India:

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता (MEA spokesperson)अरिंदम बागची (Arindam Bagchi)ने गुरुवार को अपनी प्रेस कांफ्रेंस में चीनी घुसपैठ को लेकर टिप्पणी की है. उन्होंने कहा, सरकार भारत की सुरक्षा पर असर डालने वाले सभी घटनाक्रमों पर लगातार नजर रखती है और इसकी सुरक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाती है.  हम राष्ट्र की सुरक्षा के लिए हर संभव कदम उठाएंगे.श्रीलंका पर बात करते हुए उन्होंने कहा, एनडीआईए श्रीलंका को उनकी आवश्यकता के अनुसार आथक सहायता प्रदान करने में सबसे आगे रहा है और हम उन देशों में से एक हैं जिन्होंने आवश्यकता के समय सबसे ज्यादा सहायता प्रदान की है. हम श्रीलंका के लोगों के साथ खड़े रहना जारी रखेंगे. 

बागची ने आगे पाकिस्तान में अल्‍पसंख्‍यकों के साथ हो रहे बुरे व्यवहार पर भी टिप्पणी की है. उन्होंने कहा, हम पाकिस्तान से कई बार यह कहते रहे हैं कि अल्पसंख्यकों के साथ कैसे व्यवहार किया जाए और उनके धार्मिक स्थलों की रक्षा कैसे की जाए.अरिंदम बागची (MEA spokesperson Arindam Bagchi) ने कहा- पेट्रोलिंग प्वाइंट देपसांग, डेमचोक आदि मुद्दे दोनों पक्षों के बीच चर्चा का विषय हैं. हमने इस मसले पर एक संयुक्त बयान जारी किया है.  भारत और चीन दोनों पक्षों की ओर से जारी संयुक्‍त बयान में कहा गया है कि इस मुद्दे का हल ढूंढने के लिए हम आगे कैसे बढ़ना चाहते हैं. हम समाधान के लिए राजनयिक एवं सैन्य स्तर की और चर्चाएं करना चाहेंगे. 

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कांग्रेस के सांसद गौरव गोगोई ने पीएम पर साधा था निशाना

असम के कलियाबोर क्षेत्र से कांग्रेस के सांसद गौरव गोगोई ने हाल ही में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में चीन को लेकर कहा था कि पूर्वी लद्दाख में सीमा को लेकर जो चिंता है उसका कोई ठोस समाधान नहीं निकला है. विदेश मंत्रालय की भाषा कमजोर हो चुकी है. पहले सीमा पर जो स्टेटस था वह हमें चाहिए. उन्होंने कहा था कि पांच जुलाई को जो बयान आया है उसमें केवल सेना हटाने की बात कही गई है. चीन की हरकत सीमा पर बढ़ी है. उन्होंने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा था, मोदी जी की 18 बार चीन के राष्ट्रपति से मुलाकात हुई है. पीएम का चीन के साथ क्या रिश्ता है जो सीमा विवाद को गंभीरता से लेता ही नहीं है. कांग्रेस की मांग है कि पीएम, रक्षा मंत्री और विदेश मंत्री कॉन्फ्रेंस करें, संसद में चर्चा करें.