जयराम रमेश और एस जयशंकर में Twitter बहस छिड़ी, विदेश मंत्री ने दिया ये जवाब
कोरोना वायरस की महामारी के बीच यूपीए सरकार में पर्यावरण मंत्री रहे जयराम रमेश और एनडीए सरकार के मौजूदा विदेश मंत्री एस. जयशंकर के बीच ट्विवटर पर बहस छिड़ गई है.
नई दिल्ली:
कोरोना वायरस की महामारी के बीच यूपीए सरकार में पर्यावरण मंत्री रहे जयराम रमेश और एनडीए सरकार के मौजूदा विदेश मंत्री एस. जयशंकर के बीच ट्विवटर पर बहस छिड़ गई है. कोरोना महामारी में यूथ कांग्रेस की ओर से फिलीपींस एंबेसी के आग्रह के बाद ऑक्सीजन सिलेंडर की मदद किए जाने को लेकर जयराम रमेश ने एस जयशंकर के मंत्रालय पर निशाना साधा है. जयराम रमेश ने ट्वीट कर कहा कि कोरोना काल में भारतीय युवा कांग्रेस की ओर से मदद के लिए मैं धन्यवाद करता हूं, लेकिन मैं एक भारतीय नागरिक के रूप में यह जानकर स्तब्ध हूं कि विपक्षी पार्टी की यूथ विंग विदेशी एंबेसीज की तरफ से एसओएस कॉल अटेंड कर रही है. विदेश मंत्री एस जयशंकर क्या विदेश मामलों का मंत्रालय सो रहा है.
इसके बाद विदेश मंत्री एस जयशंकर ने जवाब दिया कि फिलीपींस एबेंसी में विदेश मामलों के मंत्रालय ने चेक करवाया है. वहां कोरोना वायरस का कोई मामला नहीं है, बेवजह सप्लाई की जा रही है. आपको पता है कि यह काम सस्ती लोकप्रियता के लिए कौन कर रहा है. जरूरतमंद लोग जब सिलेंडर के लिए परेशान हो रहे हैं. ऐसे में इस तरह से ऑक्सीजन सिलेंडर बांटना ठीक नहीं है. विदेश मंत्री जयशंकर ने आगे कहा कि जयरामजी, विदेश मंत्रालय कभी नहीं सोता है. दुनियाभर में हमारे लोग हैं. हम जानते हैं कि कौन क्या करता है.
न्यूजीलैंड दूतावास ने मांगा था सहायता, दी सफाई
इससे पहले न्यूजीलैंड की ओर से यूथ कांग्रेस से ट्वीट कर मदद मांगी गई थी. इसके बाद यूथ कांग्रेस ने न्यूजीलैंड दूतावास में भी ऑक्सीजन सिलेंडर लेकर पहुंच गए. हालांकि, बाद न्यूजीलैंड दूतावास की ओर से मदद वाला ट्वीट डिलीट कर दिया गया.
विदेश मंत्री एस.जयशंकर ने कहा कि भारत ने 150 देशों को दवाएं और 72 देशों को भेजी वैक्सीन
गौरतलब है कि विदेश मंत्री एस.जयशंकर ने कहा कि महामारी के दौरान भारत ने डेढ़ सौ देशों को पीपीई किट समेत विभिन्न दवाओं की आपूर्ति की. इसके साथ ही हमारा देश पूरी दुनिया के लिए दवा देने वाला देश बन गया है. जयशंकर ने कहा, भारत अब दुनिया भर में हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वाइन, पेरासिटामोल और अन्य दवाओं की जरूरत पूरा कर सकता है. हमने 150 देशों को दवाएं भेजी हैं, जिनमें से 82 को तो भारत ने मदद के तौर पर दवाएं दी हैं. मास्क, पीपीई किट और डायग्नोस्टिक किट्स का उत्पादन जिस तरह बढ़ा, उसे हमने दूसरे देशों को भी उपलब्ध कराया.
विदेश मंत्री एस.जयशंकर ने कहा कि वैक्सीन मैत्री कार्यक्रम के तहत 72 देशों जैसे मालदीव, भूटान, बांग्लादेश, नेपाल, श्रीलंका और म्यांमार के साथ-साथ मॉरीशस और खाड़ी देशों को वैक्सीन दी गई. उन्होंने कहा, हमारी संस्कृति की झलक दिखाता हमारा विजन वंदे भारत मिशन में भी नजर आया. तभी तो वुहान से लेकर कई देशों से हम अपने और दूसरे नागरिकों को भी वापस लाए. इस मौके पर उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण की प्रशंसा भी की.
एस.जयशंकर ने कहा कि घरेलू टीकाकरण कार्यक्रम जनवरी 2021 में शुरू हुआ और उसके कुछ ही दिनों बाद भारत ने निकटवर्ती पड़ोसियों की सहायता करना भी शुरू कर दिया था.
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