नई दिल्ली:
अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने सुप्रीम फैसला दे दिया है. इस फैसले पर पाकिस्तान ने दखल दी है. जिसके बाद विदेश मंत्रालय ने जमकर लताड़ लगाई है. विदेश मंत्रालय ने कहा कि हमने पाकिस्तान द्वारा किए गए अनुचित और गंभीर टिप्पणी को सिरे से खारिज करता हूं. पाकिस्तान को सुप्रीम कोर्ट द्वार अयोध्या पर दिए गए फैसले पर टिप्पणी करने का कोई अधिकार नहीं है. यह भारत का बिल्कुल आंतरिक मामला है.
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MEA:It pertains to rule of law&equal respect for all faiths,concepts that aren't part of their ethos. So,while Pakistan's lack of comprehension isn't surprising,their pathological compulsion to comment on our internal affairs with obvious intent of spreading hatred is condemnable https://t.co/o3OBDdx57R
— ANI (@ANI) November 9, 2019
विदेश मंत्रालय ने कहा कि यह सभी धर्मों, अवधारणाओं के लिए कानून और समान सम्मान के शासन से संबंधित है. जो उनके लोकाचार का हिस्सा नहीं हैं. पाकिस्तान की समझ इस मामले में आश्चर्यजनक नहीं है. क्योंकि उसके सोच में भारी कमी है. नफरत फैलाने के लिए हमारे स्पष्ट इरादे और हमारे आंतरिक मामलों पर टिप्पणी करता है. उनकी ये हरकत निंदनीय है. पाकिस्तान ने भारत के आंतरिक मामले में दखल दी है. अयोध्या मामला कोई अंतराष्ट्रीय मुद्दा नहीं है. पाकिस्तान शायद इसे मुस्लिम-हिंदू के चश्मे से देख रहा हो. लेकिन भारत में सब शांति है. इस फैसले का सभी ने स्वागत किया है.
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वहीं पाकिस्तानी अखबार ‘द डॉन’ ने लिखा, 'भारत की सुप्रीम कोर्ट ने उस विवादित स्थल पर, जहां हिंदुओं ने 1992 में मस्जिद गिराई थी हिंदुओं के पक्ष में फैसला सुना दिया और कहा कि अयोध्या की जमीन पर मंदिर बनाया जाएगा. हालांकि, कोर्ट ने यह मान लिया कि 460 साल पुरानी बाबरी मस्जिद को गिराना कानून का उल्लंघन था. कोर्ट के फैसले (Ayodhya Verdict) से भारत के हिंदू-मुस्लिमों के बीच भारी हुए संबंधों पर बड़ा असर पड़ सकता है.'
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हिन्दुओं (Hindu) के सबसे बड़े आराध्य श्रीराम (SriRam) का अयोध्या में मंदिर बनने का रास्ता सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया है. अयोध्या में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद में उच्चतम न्यायालय ने शनिवार को विवादित पूरी 2.77 एकड़ जमीन राम लला को दे दी. अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को संबोधित किया.