भारत ने मंगलवार को केंद्र शासित प्रदेश जम्मू एवं कश्मीर में परिसीमन की प्रक्रिया पर पाकिस्तान नेशनल असेंबली द्वारा पारित प्रस्ताव को खारिज कर दिया और कहा कि उसके पास भारत के आंतरिक मामलों के संबंध में बोलने या हस्तक्षेप करने का कोई अधिकार नहीं है।
मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, हम भारतीय केंद्र शासित प्रदेश जम्मू एवं कश्मीर में परिसीमन प्रक्रिया के विषय पर पाकिस्तान की नेशनल असेंबली द्वारा पारित हास्यास्पद प्रस्ताव को स्पष्ट रूप से खारिज करते हैं।
उन्होंने रेखांकित किया कि पाकिस्तान के पास भारत के आंतरिक मामलों में निर्णय लेने या हस्तक्षेप करने का कोई अधिकार नहीं है, और कहा कि जम्मू एवं कश्मीर और लद्दाख का पूरा क्षेत्र हमेशा भारत का अभिन्न अंग रहा है और हमेशा रहेगा, जिसमें पाकिस्तान के अवैध और जबरन कब्जे वाला भारतीय क्षेत्र शामिल हैं।
केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में परिसीमन की प्रक्रिया व्यापक हितधारक परामर्श और भागीदारी के सिद्धांतों पर आधारित एक लोकतांत्रिक प्रक्रिया है।
बागची ने कहा कि यह खेदजनक है कि अपने घर (देश) को व्यवस्थित करने के बजाय पाकिस्तान का नेतृत्व लगातार भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप कर रहा है और आधारहीन एवं उकसाने वाले भारत विरोधी दुष्प्रचार में लगा हुआ है।
पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने आगे कहा, हम इस बात पर पुन: जोर देते हैं कि पाकिस्तान भारत के खिलाफ सीमापार से आतंकवाद एवं आतंकी आधारभूत ढांचे को बंद करे तथा अपने कब्जे वाले कश्मीर एवं लद्दाख (पीओजेकेएल) में मानवाधिकारों का लगातार किए जा रहे मानवाधिकार हनन रोके। पाकिस्तान अपने कब्जे वाले कश्मीर एवं लद्दाख में यथास्थिति में बदलाव करने से दूर रहे और अपने अवैध तथा बलपूर्वक कब्जे वाले भारतीय क्षेत्र को खाली करे।
हाल ही में 12 मई को, पाकिस्तान की नेशनल असेंबली ने जम्मू-कश्मीर में परिसीमन प्रक्रिया के खिलाफ एक प्रस्ताव पारित किया था।
अगस्त 2019 में केंद्र सरकार की ओर से अनुच्छेद 370 को निरस्त कर दिया गया, जिसके बाद जम्मू एवं कश्मीर के तत्कालीन राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया गया। इसके बाद जम्मू-कश्मीर के विधानसभा क्षेत्रों को फिर से निर्धारित करने के लिए परिसीमन आयोग की नियुक्ति की गई।
हाल ही में 5 मई को आयोग ने केंद्र शासित प्रदेश में 90 विधानसभा क्षेत्रों की सिफारिश करते हुए अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की।
सीटों के पुनर्निर्धारण के बाद जम्मू-कश्मीर विधानसभा में सीट की कुल संख्या 90 हो जाएगी। फिलहाल इनकी संख्या 86 है, जिनमें से 37 सीट जम्मू में जबकि 46 कश्मीर में हैं।
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Source : IANS