भारतीय विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि अफगानिस्तान से आने और जाने के लिए काबुल हवाईअड्डे की परिचालन स्थिति मुख्य चुनौती बनी हुई है।
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, इस पर हमारे सहयोगियों के साथ उच्च स्तर पर चर्चा की गई है, जिसमें हमारे विदेश मंत्री ने अमेरिकी विदेश मंत्री के साथ चर्चा की है। भारत सरकार अफगानिस्तान से सभी भारतीय नागरिकों की सुरक्षित वापसी और काबुल हवाईअड्डे के वाणिज्यिक संचालन के लिए खुलने के बाद उड़ान की व्यवस्था शुरू करने के लिए प्रतिबद्ध है।
अफगानिस्तान में मौजूदा स्थिति को देखते हुए यह निर्णय लिया गया कि काबुल में दूतावास के कर्मियों को तुरंत भारत ले जाया जाएगा। यह काम दो चरणों में पूरा किया गया है और मंगलवार को राजदूत और अन्य सभी भारत स्थित कर्मी नई दिल्ली पहुंच गए हैं।
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, हम अफगानिस्तान में वहां की बिगड़ती सुरक्षा स्थिति को देखते हुए सभी भारतीय नागरिकों के लिए समय-समय पर यात्रा और सुरक्षा सलाह जारी कर रहे हैं। पहले से ही अफगानिस्तान में रहने वालों से तुरंत लौटने का आग्रह किया गया था, जबकि अन्य को वहां यात्रा नहीं करने की सलाह दी गई थी।
मंत्रालय ने आगे कहा, फिर भी, हम समझते हैं कि उस देश में कई भारतीय फंसे हुए हैं, जिनमें से कुछ तीसरे देश के संगठनों द्वारा नियोजित हैं। हमारी तत्काल प्राथमिकता अफगानिस्तान में वर्तमान में मौजूद सभी भारतीय नागरिकों के बारे में सटीक जानकारी प्राप्त करना है। उन्हें/या उनके नियोक्ताओं से अनुरोध है कि विदेश मंत्रालय के विशेष अफगानिस्तान सेल के साथ प्रासंगिक विवरण तत्काल साझा करें।
विदेश मंत्रालय ने कहा, अफगान नागरिकों के संबंध में, हमारी वीजा सेवाएं एक ई-आपातकालीन वीजा सुविधा के माध्यम से जारी रहेंगी, जिसे अफगान नागरिकों के लिए विस्तारित किया गया है। हमें पहले ही अफगान सिख और हिंदू समुदाय के नेताओं से अनुरोध प्राप्त हो चुके हैं और हम उनके संपर्क में हैं।
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Source : IANS