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एमजे अकबर (फाइल फोटो)
मी टू (#MeToo) कैंपेन के तहत आरोप लगने के बाद विदेश राज्य मंत्री पद से इस्तीफा देने वाले एमजे अकबर ने बुधवार को दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में अपना बयान दर्ज कराया। बता दें कि कई महिला पत्रकारों ने अकबर पर यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया था, जिसके बाद उन्हें इस्तीफा देना पड़ा। इस मामले की अगली सुनवाई 12 नवंबर को होगी।
एमजे अकबर ने कोर्ट में अपने पत्रकारिता करियर और लेखक होने के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि बतौर पत्रकार उनका करियर काफी लंबा रहा है। वह छोटी उम्र में ही संडे गार्जियन (कोलकाता) के एडिटर बन गए थे।
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MJ Akbar defamation case against journalist Priya Ramani: Delhi's Patiala House Court fixes November 12 as the next date of hearing. Witnesses to record their statements on the next hearing. pic.twitter.com/6k7fY77VDO
— ANI (@ANI) October 31, 2018
अकबर ने कोर्ट को बताया कि उन्होंने प्रिया रमानी द्वारा 10 और 13 अक्टूबर को किए गए ट्वीट पर मानहानि का केस किया है। इन ट्वीट्स को कई अखबारों और वेबसाइट्स ने छापा। उन्होंने कहा, 'उनके द्वारा जो आर्टिकल लिखा गया था, उसमें मेरा नाम नहीं है। जब उनसे पूछा गया तो भी उन्होंने ये ही कहा कि मैंने कुछ नहीं किया था।'
Opening sentence of her tweet explained one anomaly. When article was 1st published in Vogue,it didn't include my name.When she was asked about it,she said it was because “I had done nothing”. Clearly she was advised by vogue that including my name would invite liability:MJ Akbar https://t.co/zg1byJEaj4
— ANI (@ANI) October 31, 2018
ये है पूरा मामला
विदेश राज्यमंत्री एमजे अकबर कई अखबारों के संपादक रहे हैं। उनके ऊपर कई महिला पत्रकारों ने #MeToo कैंपेन के तहत यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे। उन पर पहला आरोप वरिष्ठ पत्रकार प्रिया रमानी ने लगाया था।
Source : News Nation Bureau