#MeToo: एमजे अकबर के मानहानि केस में पत्रकार प्रिया रमानी को मिली जमानत, अगली सुनवाई 10 अप्रैल को

पिछले साल मीटू अभियान के दौरान रमानी उन महिला पत्रकारों की लंबी सूची में पहली थी, जिन्होंने पत्रकार से राजनेता बने अकबर पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था.

author-image
saketanand gyan
एडिट
New Update
#MeToo: एमजे अकबर के मानहानि केस में पत्रकार प्रिया रमानी को मिली जमानत, अगली सुनवाई 10 अप्रैल को

पूर्व केंद्रीय मंत्री एम जे अकबर और पत्रकार प्रिया रमानी (फाइल फोटो)

यौन उत्पीड़न के आरोप में फंसने के बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री एम जे अकबर द्वारा दाखिल मानहानि मामले में दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने पत्रकार प्रिया रमानी को जमानत दे दी है. प्रिया को 10,000 रुपये की जमानत बॉन्ड पर जमानत मंजूरी मिली है. मामले की अगली सुनवाई 10 अप्रैल को होगी. प्रिया रमानी को कोर्ट ने मानहानि मामले में समन किया था. जमानत मिलने के बाद रमानी ने अदालत के बाहर कहा कि अगली तारीख 10 अप्रैल है, जब वो मेरे खिलाफ आरोप तय करेंगे. इसके बाद मुझे अपना पक्ष रखने का मौका मिलेगा. सच ही मेरा बचाव है.  

Advertisment

पिछले साल मीटू अभियान के दौरान रमानी उन महिला पत्रकारों की लंबी सूची में पहली थी, जिन्होंने पत्रकार से राजनेता बने अकबर पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था. अकबर अब भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सदस्य भी हैं. हालांकि अकबर ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को खारिज कर दिया था.

अकबर की वकील ने अदालत से कहा था कि रमानी ने अकबर की प्रतिष्ठा को धूमिल किया है, जो उन्होंने कठिन मेहनत कर के वर्षों में हासिल किया है. वकील ने अदालत से रमानी को मामले में आरोपी के रूप में तलब करने का आग्रह करते हुए कहा था कि रमानी की भाषा काफी अपमानजनक थी.

प्रिया रमानी ने अपने खिलाफ मानहानि का केस दर्ज होने के बाद कहा था कि अनेक महिलाओं द्वारा लगाए गए गंभीर आरोपों का सामना करने के बजाय वह (अकबर) धमकी और उत्पीड़न के माध्यम से मुंह बंद कराना चाहते हैं.

और पढ़ें : #MeToo : इन चर्चित लोगों पर लगे थे यौन उत्पीड़न के आरोप, बढ़ती जा रही है लिस्ट

रमानी ने कहा था कि वह मानहानि के आरोपों का सामना करेंगी. उन्होंने कहा, 'क्योंकि सच और पूर्ण सच ही मेरा बचाव है.'

मीटू अभियान के दौरान पत्रकार ने अक्टूबर 2018 में ट्वीट कर एक आलेख पोस्ट किया था, जिसमें लिखा था, 'मैं एम.जे. अकबर की कहानी के साथ इसकी शुरुआत करती हूं. कभी उनका नाम नहीं लिया, क्योंकि उन्होंने कुछ भी नहीं 'किया', महिलाओं के पास इस राक्षस(प्रीडेटर) के बारे में इससे भी खराब कहानियां हैं- संभव है वे साझा करें।'

Source : News Nation Bureau

MJ Akbar Patiala House Court Me Too Journalist Priya Ramani Defamation Case
      
Advertisment