तमिलनाडु वन विभाग की टीम ने 22 दिनों की व्यापक तलाश के बाद आखिरकार आदमखोर बाघ को पकड़ लिया। बाघ ने चार लोगों और 12 मवेशियों को अपना शिकार बनाया।
सूत्रों ने बताया कि मसीनागुडी-थेपाकातु मार्ग पर शुक्रवार को बाघ देखा गया, उसके बाद वन विभाग की टीम ट्रैंक्वलाइज कर उसे कब्जे में ले लिया।
राज्य के मुख्य वन्यजीव वार्डन शेखर कुमार नीरज ने जानवरों के शिकार होने का संकेत दिया था, इसके साथ ही पशु अधिकार समूह पीपुल फॉर कैटल इन इंडिया ने एक जनहित याचिका दायर कर मांग की थी कि बाघ को नहीं मारा जाना चाहिए, बल्कि उसे पकड़ लिया जाना चाहिए , और मद्रास उच्च न्यायालय ने वन विभाग को बाघ को पकड़ने का आदेश दिया था।
बाघ की खोज तमिलनाडु वन विभाग की छह टीमों द्वारा की गई, जिसमें केरल और कर्नाटक की एक-एक टीम ने सहायता की। दो कुमकी हाथियों और तीन खोजी कुत्तों की मदद से आदमखोर बाघ को पकड़ा गया।
आदमखोर बाघ के इंसानों और मवेशियों पर किए गए हमले से गुडालूर, मासीनागुडी, सिंगारा और बोपारा क्षेत्र के लोग दहशत में थे।
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Source : IANS