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मायावती ने बीजेपी पर बोला हमला, कहा- भगवा तत्वों के लिए कानून-व्यवस्था का कोई मतलब नहीं

मायावती ने कहा कि चिंता की बात यह है कि संविधान व कानून का खुला उल्लंघन करते हुए यह सब कुछ सरकारी संरक्षण में ही हो रहा है।

Updated on: 04 May 2017, 11:00 AM

highlights

  • बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने बीजेपी पर बोला करारा हमला
  • भगवा ताकतों के लिए नहीं है कानून का कोई मतलबः मायावती

नई दिल्ली:

बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने लखनऊ में पार्टी मुख्यालय पर राजस्थान प्रदेश के वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। इस दौरान संगठन की तैयारियों व सभी लोगों के बीच पार्टी के जनाधार को बढ़ाने पर चर्चा हई। इस दौरान उन्होंने बीजीप पर हमला बोला।

बैठक के दौरान मायावती ने कहा, 'भगवा तत्वों के लिए कानून-व्यवस्था का कोई मतलब नहीं रह गया है और वे लोगों की हत्या तक कर देते हैं।' उन्होंने कहा कि चिंता की बात यह है कि संविधान व कानून का खुला उल्लंघन करते हुए यह सब कुछ सरकारी संरक्षण में ही हो रहा है।

बैठक में मायावती ने कहा कि अगले विधानसभा आमचुनाव की तैयारी के संबंध में मिशनरी लोगों को प्राथमिकता के आधार पर तैयार किया जा रहा है, क्योंकि इस मामले में बीएसपी पहले काफी धोखा खा चुकी है।

बीजेपी साशित राज्य सरकार पर हमला बोलते हुए मायावती ने कहा कि गरीबों, मजदूरों, दलितों, पिछड़ों व धार्मिक अल्पसंख्यकों को अन्याय, जुल्म-ज्यादती व शोषण का शिकार बनाया जा रहा है।

मायावती ने कहा कि गौरक्षा, दलित उत्पीड़न व शोषण एवं कट्टरवादी भगवाकरण के मामले में कौन कितना ज्यादा कानून से खिलवाड़ करने की छूट दे सकता है, यह होड़ लगी हुई है। यह काफी घातक प्रवृत्ति है, जिसके बारे में देशभर में चिंताएं काफी बढ़ने लगी हैं।

मायावती ने कहा कि बीजेपी सरकारों की गरीब, किसान व जनविरोधी नीतियों से न तो आम जनता का और न ही देश का भला हो सकता है, यह बात खुलकर देश के सामने आती जा रही है।

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केंद्र के साथ-साथ देश के ज्यादातर राज्यों में बीजेपी की सरकार हैं, लेकिन देश का आम नागरिक व देश की सीमाएं भी आज जितनी असुरक्षित हैं और आए दिन वीर जवान शहीद  हो रहे हैं।

उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि गौरक्षा, बूचड़खाना, लव जेहाद, श्मसान-कब्रिस्तान व तीन तलाक आदि के संकीर्ण व विभाजनकारी मुद्दों पर से ध्यान हटाकर देशहित व देश की कानून-व्यवस्था एवं सीमा की सही चिंता की जाए।

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