गुरुवार को सवर्ण संगठनों की ओर से 'भारत बंद' को लेकर बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) प्रमुख मायावती ने साफ तौर पर कहा कि जो लोग ये सोचते हैं कि हम SC/ST Act के दुरुपयोग पर दलितों के साथ खड़े हैं तो वे ऐसा ना सोचें क्योंकि हम इस तरह की विचारधारा का समर्थन नहीं करते हैं। मीडिया से बातचीत के जरिए उन्होंने कहा कि मेरी पार्टी इस विचार से सहमत नहीं है।
मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ (आरएसएस) घिनौनी राजनीति कर रही है और उसके ही शासन वाले राज्यों में सबसे ज्यादा विरोध हो रहा है।
इस दौरान मायावती ने कहा कि देश में बीजेपी का जनाधार कम हो गया है। बीजेपी ने एससी/एसटी एक्ट के साथ खिलवाड़ किया है। बीएसपी सुप्रीमो ने कहा कि आरएसएस की मानसिकता जातिवादी और बीजेपी की नीतियां एससी/एसटी विरोधी है।
क्या है विवाद का विषय
विवाद उस एससी-एसटी ऐक्ट (SC/ST Act) को लेकर है, जिसमें मोदी सरकार ने संशोधन करते हुए सुप्रीम कोर्ट का फैसला पलट दिया था। एससी-एसटी संशोधन विधेयक 2018 के जरिए मूल कानून में धारा 18A को जोड़ते हुए पुराने कानून को बहाल कर दिया जाएगा।
सरकार की ओर से किए गए संशोधन के बाद इस मामले में केस दर्ज होते ही गिरफ्तारी का प्रावधान फिर से जोड़ दिया गया है। इसके अलावा आरोपी को अग्रिम जमानत भी नहीं मिलेगी, बल्कि हाई कोर्ट से ही नियमित जमानत मिल सकेगी।
जातिसूचक शब्दों का उपयोग करने की शिकायत पर तुरंत मामला दर्ज होगा और मामले की जांच इंस्पेक्टर रैंक के पुलिस अधिकारी करेंगे। एससी-एसटी मामलों की सुनवाई सिर्फ स्पेशल कोर्ट में होगी।
Source : News Nation Bureau