17-18 जुलाई को बेंगलुरु में होने वाली विपक्षी एकता बैठक में मौजूद रहने की पुष्टि करने के बावजूद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के 17 जुलाई की शाम होने वाले भव्य रात्रिभोज में शामिल होने की संभावना नहीं है।
हाल ही में पंचायत चुनाव के नतीजे घोषित होने के बाद मुख्यमंत्री ने कांग्रेस नेतृत्व को कड़ा संदेश देते हुए कहा था, राष्ट्रीय स्तर पर गठबंधन को लेकर चर्चा चल रही है. इसलिए हर किसी को कुछ भी कहने से पहले सोचना चाहिए। यदि आप यहां मुझे गालियां देंगे तो मैं वहां आपकी पूजा नहीं कर सकूंगी। यदि आप भी मुझे उचित सम्मान देंगे तो मैं भी वैसा ही प्रतिउत्तर दूंगी।”
आधिकारिक तौर पर, ममता के रात्रिभोज बैठक में शामिल न होने के पीछे पार्टी का रुख और डॉक्टरों द्वारा निर्धारित कुछ चिकित्सा और आहार प्रतिबंध हैं।
सूत्रों के अनुसार, विपक्ष की बैठक के लिए तृणमूल के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी और राज्यसभा में पार्टी के नेता डेरेक ओब्रायन बनर्जी के साथ होंगे।
सूत्रों के अनुसार, ममता रात्रिभोज बैठक में शामिल नहीं हो सकती हैं, मगर उनके भतीजे अभिषेक बनर्जी के भी इसमें शामिल होने की संभावना है।
पिछले महीने पटना में हुई पहली विपक्षी एकता बैठक में मुख्यमंत्री के साथ अभिषेक बनर्जी भी आए थे।
राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि रात्रिभोज बैठक में शामिल न होने का फैसला करके शायद मुख्यमंत्री यह संदेश देने की कोशिश कर रही हैं कि विपक्षी गठबंधन के बारे में गंभीर होने के बावजूद पश्चिम बंगाल में वह सीपीआई (एम) के नेतृत्व वाले वाम मोर्चा के साथ कांग्रेस के समझौते के कारण कांग्रेस से दूरी बनाए रखना चाहती हैं। ।
हाल ही में पंचायत चुनाव के नतीजे घोषित होने के बाद मुख्यमंत्री ने कांग्रेस नेतृत्व को कड़ा संदेश देते हुए कहा था, राष्ट्रीय स्तर पर गठबंधन को लेकर चर्चा चल रही है, इसलिए हर किसी को कुछ भी कहने से पहले सोचना चाहिए। यदि आप यहां मुझे गालियां दोगे तो मैं वहां आपकी पूजा नहीं कर सकूंगी। यदि आप भी मुझे उचित सम्मान देंगे तो मैं भी वौसा ही सम्मान दूंगी।”
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Source : IANS