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माव्या सूदन बनीं जम्मू-कश्मीर की पहली महिला IAF फाइटर पाइलट, राजौरी का नाम किया रौशन

जम्मू और कश्मीर की रहने वाली माव्या सूडान ने भारतीय वायुसेना में महिला फाइटर पायलट नियुक्त की गईं हैं. राजौरी जिले की माव्या सूडान ने भारतीय वायु सेना (IAF) में भर्ती होकर देश के लिए इतिहास रच दिया है.

Updated on: 20 Jun 2021, 09:03 PM

नयी दिल्ली:

जम्मू और कश्मीर की रहने वाली माव्या सूदन ने भारतीय वायुसेना में महिला फाइटर पायलट नियुक्त की गईं हैं. राजौरी जिले की माव्या सूदन ने भारतीय वायु सेना (IAF) में भर्ती होकर देश के लिए इतिहास रच दिया है. आपको बता दें कि माव्या देश की पहली महिला फाइटर पायलट बनी हैं. माव्या राजौरी में नौशेरा की सीमा तहसील के लम्बेरी गांव की रहने वाली हैं. माव्या ने फ़्लाइंग ऑफिसर के रूप में IAF में कमीशन किया माव्या भारतीय वायुसेना में फाइटर पायलट के रूप में शामिल होने वाली राजौरी की 12वीं और पहली महिला अधिकारी बन गई हैं.

माव्या ये उपलब्धि हासिल करने वाली देश की 12वीं और जम्मू कश्मीर की पहली एयर फोर्स महिला फाइटर पायलट हैं. माव्या सूदन ने तेलंगाना के हैदराबाद में डुंडिगल वायुसेना अकादमी में पासिंग आउट परेड में भाग लेकर अपने देश, राज्य और जिले का नाम रौशन किया है. आपको बता दें कि पासिंग आउट परेड में माव्या ही इकलौती ऐसी महिला फाइटर पायलट थीं जिसने ये उपलब्धि हासिल की. 23 वर्षीय माव्या ने चंडीगढ़ के डीएवी से कॉलेज से राजनीति विज्ञान से स्नातक किया था. इसके पहले माव्या ने जम्मू के कार्मल कान्वेंट स्कूल में अपनी शिक्षा हासिल की है. 

माव्या की बहन तान्या सूदन ने मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि माव्या को बचपन से ही भारतीय वायु सेना में शामिल लड़ाकू विमान उड़ाने का शौक था. आईएएफ की महिला फाइटर पायलट के रूप में तैनाती के बाद माव्या का सपना साकार हुआ. तान्या ने आगे बताया कि उनकी बहन की ये दिली तमन्ना थी कि वह लड़ाकू विमान उड़ाकर देश का नाम रोशन करे. तान्या ने ये भी बताया कि माव्या बचपन से पढ़ाई में काफी होशियार थीं.

तान्या ने मीडिया को आगे बताया कि साल 2020 में जब माव्या ने वायु सेना सामान्य प्रवेश परीक्षा पास की तो उस ये बात समझने में आने लगी थी कि वो आने वाले समय में अपने सपनों को साकार करने के साथ-साथ देश का नाम भी रौशन करेगी. और फिर आखिरकार वो दिन भी आ ही गया जब माव्या ने एयर चीफ मार्शल राकेश कुमार सिंह भदौरिया को पासिंग आउट परेड में सैल्यूट किया तो जम्मू कश्मीर का ही नहीं, बल्कि देश का नाम रोशन हो गया.