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मौलाना साद कांधलवी के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज, धाराएं बढ़ने से आजीवन कारावास संभव

साद और अन्य के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 304 जोड़ी गई है. धारा 304 के अनुसार दोषी ठहराए जाने वाले व्यक्ति को आजीवन कारावास की सजा दी जा सकती है.

Updated on: 16 Apr 2020, 08:08 AM

highlights

  • तबलीगी जमात के मौलाना साद के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला.
  • यह हत्या के किसी भी तरह के मामले में दूसरी सबसे बड़ी धारा है.
  • धारा 304 के दोषी व्यक्ति को आजीवन कारावास की सजा का है प्रावधान.

नई दिल्ली:

दिल्ली पुलिस ने तब्लीगी जमात (Tablighi Jamaat) के प्रमुख मौलाना साद (Maulana Saad) कांधलवी के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया है, जो कि हत्या के किसी भी तरह के मामले में दूसरी सबसे बड़ी धारा है. निजामुद्दीन मरकज (Nijamuddin Markaz) में हुए तब्लीगी जमात कार्यक्रम में शामिल हुए लोगों में से कुछ की कोरोना वायरस (Corona Virus) से मौत हो जाने और जमात में शामिल लोगों से संक्रमण के प्रसार में तेजी आने के बाद यह कदम उठाया गया है. कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि अगर जांच के दौरान अधिक गंभीर अपराध पाए जाते हैं, तो पुलिस मामले में और भी कड़ी धाराएं जोड़ने के लिए स्वतंत्र हैं.

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हत्या के किसी भी तरह के मामले में दूसरी बड़ी धारा
पुलिस सूत्रों के अनुसार, साद और अन्य के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 304 जोड़ी गई है. वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने इस संबंध में बात की. उन्होंने कहा यह 304 के बजाय धारा 302 का एक स्पष्ट मामला है. तब्लीगी जमात के लोग मार्च में हुए कार्यक्रम में में घोर आपराधिक लापरवाही कर रहे थे, जो देशभर में पॉजिटिव (कोरोना) लोगों के बड़े हिस्से के लिए जिम्मेदार हैं. वे जानते थे कि उनके इस कार्य से संक्रमण फैल जाएगा, जिससे काफी मौतें होने की संभावना है. रोहतगी ने कहा कि मामले में तत्काल कार्रवाई की जानी चाहिए. मौलवी को आखिरी बार 28 मार्च को देखा गया था. बाद में एक ऑडियो संदेश के माध्यम से उन्होंने खुद से एकांतवास में होने का दावा किया.

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आजीवन कारावास तक की सजा संभव
धारा 304 के अनुसार दोषी ठहराए जाने वाले व्यक्ति को आजीवन कारावास की सजा दी जा सकती है. यह सजा 10 साल तक बढ़ाई भी जा सकती है. इससे पहले मौलाना साद पर उन धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था जो जमानती थी. मगर अब धारा 304 शामिल होने के बाद साद के लिए जमानत पाना कठिन होगा. वरिष्ठ अधिवक्ता ऐश्वर्या भाटी ने कहा कि यह धारा हत्या के किसी मामले में दूसरी डिग्री के रूप में समझी जा सकता है. इसमें किसी की मौत का इरादा तो नहीं है, लेकिन उन्होंने एक ऐसा काम किया है, जो इतना खतरनाक है और इससे मौत होने की संभावना है. भाटी ने कहा कि फिलहाल इस मामले की जांच चल रही है, क्योंकि ये लोग अभी तक इसमें शामिल नहीं हुए हैं. जांच के किसी भी चरण में अगर यह पाया जाता है कि साजिश में उनकी भूमिका या अपराध बहुत अधिक जघन्य हैं तो चार्जशीट दाखिल होने से पहले और भी कड़ी धाराएं जोड़ी जा सकती हैं.

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साद के ससुराल में दो लोगों को कोरोना
तबलीगी जमात के प्रमुख मौलाना साद के दो रिश्तेदार उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले में कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं. मौलाना साद के दो रिश्तेदारों के नमूनों में कोरोना की पुष्टि होने के बाद जिला प्रशासन ने थाना मण्डी क्षेत्र के मोहल्ला मुफ्ती इलाके को सील कर दिया है और यहां के अन्य 8 लोगों को भी पृथकवास में रख दिया है. सहारनपुर के जिलाधिकारी अखिलेश सिह ने यह जानकारी दी है. दो संक्रमित व्यक्ति मौलाना साद के ससुराल के हैं. लॉकडाउन से पहले दोनों मरकज मे रुके थे. दोनों हाल ही में दक्षिण अफ्रीका से लौटे थे जिसके आधार पर इन दोनों और दो अन्य को पृथकवास में रखा गया था. जांच में दोनों के संक्रमित होने की पुष्टि हुई. अब प्रशासन इस बात की भी जांच कर रहा है कि ये लोग किन-किन लोगों के संपर्क में रहे. जिलाधिकारी ने बताया कि जो लोग भी इनके संपर्क में आए थे उन्हें पृथकवास में रखा जा रहा है.