तबलीगी जमात का चीफ मौलाना साद (Maulana Saad) पुलिस से बचने के लिए नया-नया पैंतरा अपना रहा है. पहले मौलाना ने कहा कि उसने कोरोना का टेस्ट करा लिया है, जिसकी रिपोर्ट निगेटिव आई है. अब मौलाना के वकील का दावा है कि साद सरकारी अस्तपाल में कोरोना टेस्ट (Corona Test) कराने के लिए राजी हो गया है. देश में कोरोना फैलाने वाला मौलाना साद बार-बार आडियो और संदेश जारी कर पुलिस से बचना चाह रहा है, लेकिन यह संभव नहीं है.
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ED ने तबलीगी जमात से जुड़ा ट्रस्ट खोज निकाला
ईडी ने पिछले दिनों तबलीगी जमात के कथित ट्रस्ट को खोज निकाला है. इस ट्रस्ट का नाम काशिफ उल उलूम बताया गया है. ईडी ने ट्रस्ट का खाता भी खोज निकाला है. इस ट्रस्ट को लेकर मौलाना साद और उनके बेटों से भी पूछताछ होगी. ईडी ने उस शख्स को खोज निकाला है, जो विदेशों में पैसा भेजता था. अब तक लगभग 90 लाख रुपये विदेश भेजे बताए गए हैं.
तबलीगी जमात के मामले में ईडी मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत जांच कर रही थी. ईडी को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है. प्रवर्तन निदेशालन को एक ट्रस्ट का पता चला है. ये ट्रस्ट तब्लीगी जमात से जुड़ा बताया जा रहा है. इसके पहले ईडी ने जमात से जुड़े ट्रस्ट के बारे में आयकर विभाग और अन्य सरकारी संस्थाओं से जानकारी मांगी थी. लेकिन कोई ट्रस्ट सामने नहीं आया था.
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इसके चलते ईडी इस बात से परेशान था कि आखिर तब्लीगी जमात में पैसे का ट्रांजेक्शन कैसे हो रहा है. पैसा किसके पास आता है और किसके पास जाता था. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अब जिसका नाम सामने आया है उसका नाम काशिफ उल उलूम बताया गया है. यह भी पता चला है कि इस ट्रस्ट का बैंक खाता निजामुद्दीन के ही बैंक ऑफ इंडिया में है. ईडी का अगला कदम बैंक को नोटिस जारी कर खाते की जानकारी मांगना होगा.
ईडी को कई लोगों के नाम भी मिले हैं जो हवाला का धंधा करते हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अब तक जांच में मनी लॉन्ड्रिंग के सीधे तार मौलाना साद से नहीं जुड़े हैं. लेकिन जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है वैसे-वैसे मौलाना साद और उसके करीबियों पर शिकंजा कसता जा रहा है. आपको बता दें कि तब्लीगी जमात और उसके पदाधिकारियों के खिलाफ दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने भी विभिन्न आपराधिक धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है. जिनकी जांच अलग से जारी है.