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मॉब लिंचिंग के विरोध में आए मौलाना कल्बे जवाद बोले- अब जनता कर रही है एनकाउंटर

झारखंड के सरायकेला में बीते दिनों मॉब लिंचिंग में तबरेज अंसारी की मौत के बाद यह मामला देशभर में सुर्खियों में है.

Updated on: 30 Jun 2019, 08:21 AM

highlights

  • झारखंड के सरायकेला में सामने आया मॉब लिंचिंग का मामला
  • तबरेज अंसारी की मौत के बाद कई संगठन आए समर्थन में
  • मौलाना कल्बे जवाद ने कड़े शब्दों में की मॉब लिंचिंग की निंदा

नई दिल्ली:

झारखंड के सरायकेला में बीते दिनों मॉब लिंचिंग में तबरेज अंसारी की मौत के बाद जहां यह मामला देशभर में सुर्खियों में है तो वही तबरेज अंसारी के परिवार की मदद के लिए विभिन्न संगठन भी सामने आ रहे हैं. इसी क्रम में देश के प्रमुख शिया धर्मगुरु और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के वरिष्ठ सदस्य मौलाना कल्बे जवाद (Maulana Kalbe jawad) ने मॉब लिंचिंग (Mob Lynching) की जमकर निंदा की. उन्होंने कहा, देश में एक वर्ग विशेष के लोगों की पीट-पीटकर हत्या की जा रही है, जोकि निंदनीय है. इसके लिए उन्होंने फांसी की सजा के प्रावधान की मांग की है.

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मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, मौलाना कल्बे जवाद ने अपने एक बयान में कहा, मॉब लिंचिंग की ये घटनाएं एनकाउंटर का नया रूप हैं. पहले सरकार एनकाउंटर कराती थी और अब आज जनता को एनकाउंटर का अधिकार दे दिया गया है, यह दुखद है. ऐसी वारदातों के आरोपियों को एक-दो साल की कैद की बजाए फांसी की सजा होनी चाहिए, ताकि ऐसी घटनाओं पर काबू पाया जा सके.

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उन्होंने आगे कहा, मॉब लिंचिंग की ऐसी घटनाओं से सरकार की बदनामी हो रही है. अक्सर छोटे-मोटे नेता इस तरह की वारदात के लिए जिम्मेदार होते हैं. उन पर सख्त-से-सख्त कार्रवाई होनी चाहिए. जवाद ने झारखंड में हाल में भीड़ की ज्यादती के कारण मारे गए तबरेज अंसारी (Tabrez Ansari) की मौत पर अफसोस जताया है.

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बता दें कि इमरान प्रतापगढ़ी (देशव्यापी मशहूर नौजवान शायर) द्वारा वक्फ बोर्ड का चेक और ऑफर लेटर शाइस्ता परवीन तक पहुंचाया गया. चेक और ऑफर लेटर देने के बाद रांची पहुंचे इमरान प्रतापगढ़ी ने पत्रकारों से मुखातिब होते हुए घटना की निंदा की साथ ही केंद्र और राज्य सरकार पर जमकर निशाना साधा. प्रतापगढ़ी ने कहा कि झारखंड में इस तरह की या 19वीं घटना है बावजूद इसके राज्य सरकार मौन है, उन्होंने मुख्यमंत्री रघुवर दास पर निशाना साधते हुए कहा कि इतनी बड़ी घटना हो जाने के बावजूद अब तक सरकार ने उस पीड़ित परिवार को न तो मुआवजा की कोई घोषणा की है और ना ही सरकार उनके द्वार तक पहुंची है.