Advertisment

देश में अल्पसंख्यक ही नहीं बल्कि संविधान, लोकतंत्र खतरे में : मौलाना अरशद मदनी

देश में अल्पसंख्यक ही नहीं बल्कि संविधान, लोकतंत्र खतरे में : मौलाना अरशद मदनी

author-image
IANS
New Update
Maulana Arhad

(source : IANS)( Photo Credit : (source : IANS))

Advertisment

देश के विभिन्न हिस्सों से हिंसा को लेकर आ रहीं खबरों पर जमीयत उलमा ए हिंद ने आखिरकार चुप्पी तोड़ी है। जमीअत ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा है कि, आज अल्पसंख्यक ही नहीं बल्कि देश का संविधान और लोकतंत्र खतरे में आ गया है।

दरअसल पिछले कुछ दिनों में देश के अलग अलग हिस्सों से हिन्दू मुस्लिम समाज के बीच बवाल होता नजर आ रहा है। हाल ही में दिल्ली जहांगीरपुरी में शोभा यात्रा के दौरान दंगा हुआ जिसमें 9 पुलिसकर्मी घायल और एक नागरिक घायल है।

हालंकि पुलिस ने इस मामले में अब तक 20 लोगों की गिरफ्तारी कर ली है और लगातार दोषियों पर कार्रवाई की जा रही है। इन सभी घटनाओं पर मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि, धार्मिक उग्रवाद और नफरत की एक काली आंधी पूरे देश में चलाई जा रही है, अल्पसंख्यकों विशेषकर मुसलमानों को भयभीत करने की जगह-जगह साजिशें हो रही हैं।

मुस्लिम मुहल्लों में मस्जिदों के बिलकुल सामने उकसाया जा रहा है, पुलिस की उपस्थिति में लाठी डंडे लहरा लहरा कर दिल दहला देने वाले नारे लगाए जा रहे हैं और सब मूक दर्शक बने हुए हैं। ऐसा लगता है जैसे देश में अब न तो कोई कानून रह गया है और न ही कोई सरकार जो उन्हें पकड़ सके। सांप्रदायिकों द्वारा मुसलमानों का जीना दूभर किया जा रहा है और केन्द्र सरकार इस तरह खामोश है जैसे यह कोई बात ही नहीं है।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Source : IANS

Advertisment
Advertisment
Advertisment