3 कश्मीरी छात्रों पर लगा देशद्रोह का आरोप, मथुरा के वकीलों ने सहायता करने से किया इनकार
3 कश्मीरी छात्रों पर लगा देशद्रोह का आरोप, मथुरा के वकीलों ने सहायता करने से किया इनकार
आगरा:
आगरा में वकीलों के संघों ने तीन कश्मीरी छात्रों को कानूनी सहायता नहीं देने का फैसला किया है। तीनों छात्रों पर टी -20 विश्व कप मैच में भारत के खिलाफ पाकिस्तान की जीत का कथित तौर पर उत्साहवर्धन करने के बाद देशद्रोह का आरोप लगाया गया है।छात्रों के परिवार अब दूसरे शहरों में वकीलों से संपर्क कर रहे हैं।
मथुरा के अधिवक्ता मधुवन दत्त चतुवेर्दी एक परिवार के संपर्क करने के बाद छात्रों का बचाव करने के लिए तैयार हो गए हैं।
चतुवेर्दी ने कहा कि हम जल्द ही आगरा कोर्ट में छात्रों के लिए जमानत अर्जी दाखिल करेंगे।
चतुवेर्दी 26 वर्षीय पीएचडी छात्र अतीक-उर रहमान, मसूद अहमद और मोहम्मद आलम का मामला लड़ रहे हैं, जिन पर हाथरस पीड़िता के परिवार से मिलने जाते समय पत्रकार सिद्दीकी कप्पन के साथ देशद्रोह और यूएपीए के तहत मामला दर्ज किया गया था।
इस बीच वकीलों ने बयान जारी कर कहा कि देश के खिलाफ जाने वालों को कोई मदद नहीं दी जाएगी।
यूथ लॉयर्स एसोसिएशन (आगरा डिवीजन) के अध्यक्ष नितिन वर्मा ने कहा कि इन छात्रों को अपना करियर बनाने के लिए भारत में प्रधानमंत्री विशेष छात्रवृत्ति योजना (पीएमएसएसएस) के तहत प्रवेश मिला और वे अपने देश के खिलाफ पड़ोसी देश की जय-जयकार कर रहे थे।
आगरा एडवोकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष सुनील शर्मा ने कहा कि छात्रों को राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में लिप्त होने के बजाय अपनी पढ़ाई पर ध्यान देना चाहिए।
ज्ञात हो कि गुरुवार को आरबीएस इंजीनियरिंग तकनीकी संस्थान के छात्रों को भाजपा युवा विंग के सदस्यों ने उस समय पीटा था, जब उन्हें अदालत में पेश कर जिला जेल ले जाया जा रहा था। कुछ वकीलों ने भी उन्हें पीटने का भी प्रयास किया था।
छात्रों पर बुधवार को शत्रुता को बढ़ावा देने, हानिकारक कृत्यों को करने, सार्वजनिक शरारत करने वाले बयान देने और साइबर आतंकवाद के लिए मामला दर्ज किया गया था। यह ऐसे अपराध और आरोप है, जिसके लिए आजीवन कारावास की सजा भी हो सकती है।
वहीं मामला दर्ज होने के एक दिन बाद उन पर देशद्रोह का आरोप भी लगाया गया।
इस बीच, जम्मू और कश्मीर छात्र संघ ने देश भर के उन कॉलेजों की सूची तैयार की है जहां कश्मीरी छात्रों को अनावश्यक रूप से परेशान किया जा रहा है। छात्र संघ ने संबंधित राज्य सरकारों से उन्हें ब्लैकलिस्ट करने का आग्रह किया है।
एसोसिएशन के प्रवक्ता नासिर खुहमी ने एक बयान में कहा कि हम पंजाब, कर्नाटक, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में राज्य सरकारों के साथ समन्वय कर रहे हैं, जहां वर्तमान में कश्मीरी छात्र पढ़ रहे हैं। हमने ऐसे कॉलेजों की एक सूची तैयार की है। इसे संबंधित राज्य सरकारों को उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई के लिए भेजा जाएगा जो अपने छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में विफल रहते हैं।
डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
-
Kajol Workout Routine: 49 की उर्म में ऐसे इतनी फिट रहती हैं काजोल, शेयर किया अपना जिम रुटीन
-
Viral Photos: निसा देवगन के साथ पार्टी करते दिखे अक्षय कुमार के बेटे आरव, साथ तस्वीरें हुईं वायरल
-
Moushumi Chatterjee Birthday: आखिर क्यों करियर से पहले मौसमी चटर्जी ने लिया शादी करने का फैसला? 15 साल की उम्र में बनी बालिका वधु
धर्म-कर्म
-
Vikat Sanakashti Chaturthi 2024: विकट संकष्टी चतुर्थी व्रत कब? बस इस मूहूर्त में करें गणेश जी की पूजा, जानें डेट
-
Shukra Gochar 2024: शुक्र ने किया मेष राशि में गोचर, यहां जानें किस राशि वालों पर पड़ेगा क्या प्रभाव
-
Buddha Purnima 2024: कब है बुद्ध पूर्णिमा, वैशाख मास में कैसे मनाया जाएगा ये उत्सव
-
Shani Shash Rajyog 2024: 30 साल बाद आज शनि बना रहे हैं शश राजयोग, इन 3 राशियों की खुलेगी लॉटरी