यूरोप समेत दुनिया के कई देशों में सायबर हमला हुआ है। सायबर हमलावरों ने कई संगठनों को निशाना बनाते हुए उनके सिस्टम को हैक किया। हमले के बाद से इन संगठनों के कंप्यूटर ठप पड़ गए हैं।
ब्रिटेन, अमरीका, चीन, रूस, स्पेन, इटली, वियतनाम समेत कई देशों में रैनसमवेयर साइबर हमला हुआ है और इसका सबसे अधिक असर इंग्लैंड के अस्पतालों पर भी पड़ा है।
हमले में बैंकिंग सेवा भी हैकिंग से सुरक्षित बताई जा रही है जबकि इसका सबसे बड़ा असर स्वास्थ्य सुविधाओं पर पड़ा है। कैसपरेस्की लैब की रिपोर्ट के मुताबिक रूस समेत 74 देशों में 45,000 सायबर हमले हुए हैं। लैब का दावा है कि हमले की संख्या और अधिक हो सकती है।
अमेरिका की नैशनल सिक्योरिटी एजेंसी की तकनीक के इंटरनेट पर लीक हो जाने की मदद से हैकर्स ने इतने बड़े पैमाने पर हैंकिग को अंजाम दिया है।
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हमलावरों ने अटैक से नेशनल हेल्थ सर्विस (एनएचएस) से जुड़े कंप्यूटर्स को निशाना बनाया गया है। साइबर अटैक के तहत हैकर्स ने लंदन, ब्लैकबर्न और नॉटिंघम जैसे शहरों के हॉस्पिटल और ट्रस्ट के कंप्यूटर्स ने काम करना बंद कर दिया है।
सायबर हमलावरों ने फिरौती के रुप में बिटकॉइन की मांग की है। हैंकिंग से प्रभावित संगठनों ने फिरौती के रूप में बिटकॉइन मांगे जाने की शिकायत करते हुए स्क्रीनशॉट्स को साझा किया है।
ब्रिटेन के डॉक्टर्स ने सोशल मीडिया पर लिखा है कि हमारे अस्पताल बंद हैं। उन्होंने कहा कि हमारे कंप्यूटर पर यह मैसेज लिखा है कि कंप्यूटर को खोलने के लिए उन्हें पैसे देने होंगे।
जो भी कंप्यूटर कथित तौर पर साइबर अटैक शिकार हुए हैं उसे खोलने पर फाइल रिकवर करने के बदले 300 डॉलर बिटक्वाइन की मांग की गई है।
हैकर्स का कहना है कि पैसे देने में जितना समय लगेगा फिरौती की रकम उतनी बढ़ेगी और ज्यादा टाइम होने पर सभी फाइल्स को डिलीट कर दिया जाएगा।
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HIGHLIGHTS
- यूरोप समेत दुनिया के करीब 100 देशों में सायबर हमला हुआ है
- सायबर हमलावरों ने कई संगठनों को निशाना बनाते हुए उनके सिस्टम को हैक किया
Source : News State Buraeu