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दाऊद इब्राहिम और हाफिज सईद आतंकी घोषित, UAPA के तहत इन पर भी बड़ी कार्रवाई

दाऊद इब्राहिम और हाफिज सईद आतंकी घोषित, UAPA के तहत बड़ी कार्रवाई

Updated on: 04 Sep 2019, 04:42 PM

highlights

  • दाऊद इब्राहिम, लखवी, मसूद अजहर और हाफिज सईद
  • UAPA ने इन चारों को घोषित किया आतंकी
  • केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने पेश किया था UAPA बिल

नई दिल्ली:

अनलाफुल एक्टिविटी प्रिवेंशन एक्ट (UAPA) ने पठानकोट आतंकी हमले के मास्टर माइंड मसूद अजहर, मुंबई 26/11 हमले के आरोपी हाफिज सईद, मुंबई बम कांड 1993 के आरोपी दाऊद इब्राहिम और जकी-उर-रहमान लखवी को संशोधित गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत आतंकवादी होने की घोषणा कर दी है. इनमें से पठान कोट आतंकी हमले के मास्टर माइंड मसूद अजहर को पहले ही यूएन में ग्लोबल आतंकी घोषित किया जा चुका है. इसके साथ ही इन चारों आतंकवादियों के खिलाफ रेड कार्नर नोटिस भी जारी किया गया है. इस बिल के मुताबिक केंद्र सरकार किसी भी व्यक्ति को आतंकवादी घोषित कर सकती है. पहले इस बिल के मुताबिक पहले सिर्फ आतंकी संगठनों को ही आतंकी घोषित कर सकते थे. 

इसके पहले सोमवार को केंद्र सरकार ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में सुरक्षा एजेंसियों के हाथ मजबूत करते हुए राज्यसभा से यूएपीए बिल पास करवा दिया. इस दौरान केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने विपक्ष के सभी सवालों का जवाब दे दिया. इसके लागू होने के साथ ही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) अब देश के खिलाफ गैर-कानूनी गतिविधियों में शामिल ऐसे किसी भी व्यक्ति को आतंकी घोषित कर सकेगी. इनमें वह भी शामिल होंगे, जो विदेशों में बैठकर देश में आतंकी गतिविधियों को संचालित करते हैं. जैसे हाफिज सईद और दाऊद इब्राहिम जैसे लोग भी इसके बिल के दायरे में आएंगे. इसके साथ ही ऐसे लोगों की संपत्तियां भी अब जब्त की जा सकेगी.

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जानिए क्या है यूएपीए बिल
8 जुलाई को गृहमंत्री अमित शाह ने लोकसभा में यूएपीए बिल पेश किया था. इस बिल के जरिए भारत सरकार बढ़ते हुए आतंकवाद पर काबू करने का दावा कर रही है. यूएपीए बिल के मुताबिक केंद्र सरकार किसी भी संगठन को आतंकी संगठन घोषित कर सकती है बशर्ते वो संगठन आतंक से जुड़े किसी भी मामले में उसकी सहभागिता या किसी तरह का कोई कमिटमेंट करता हुआ पाया जाए, संगठन किसी आतंकवादी घटना को अंजाम देने की तैयारी कर रहा हो, संगठन आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा हो या फिर किसी संगठन की आतंकी गतिविधियों में किसी अन्य तरह की संलिप्तता हो. इसके अलावा यह विधेयक सरकार को यह अधिकार भी देता है कि वो किसी भी व्यक्ति को इस नियम के आधार पर आतंकवादी घोषित कर सकती है.

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