जैश-ए-मोहम्मद मसूद अजहर को जल्द ही अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी (Global terriorist) घोषित किया जा सकता है. खबरों के मुताबिक 1 मई को चीन संयुक्त राष्ट्र में मसूद अजहर को ग्लोबल टेररिस्ट घोषित करने को लेकर अपना रुख बदल सकता है. यदि ऐसा हो जाता है तो यह नरेंद्र मोदी सरकार की बड़ी कूटनीतिक जीत हो सकती है क्योंकि 14 फरवरी को पुलवामा हमले के बाद मसूद अजहर को ग्लोबल टेररिस्ट घोषित करने के लिए दुनिया भर के देशों का समर्थन भारत सरकार को मिला था.
वहीं पुलवामा हमले के बाद मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित कराने की भारत की कोशिशों के बीच पाकिस्तान भी आखिरकार मसूद पर प्रतिबंध लगाने को राजी हो गया है. लेकिन साथ ही उसने एक शर्त भी रख दी है.
पाक के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने रविवार को एक टीवी शो में कहा कि हमें संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) द्वारा मसूद अजहर को वैश्विक आतंकियों की सूची में डालने से कोई दिक्कत नहीं है, बशर्ते इसका आधार पुलवामा हमला न हो.
फैसल ने कहा कि पहले भारत को इस बात का सुबूत देना होगा कि पुलवामा हमले से मसूद अजहर का कोई संबंध है. इसके बाद ही हम उसको प्रतिबंधित करने के बारे में बात कर सकते हैं. पुलवामा हमला एक अलग मुद्दा है.
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बता दें कि सुरक्षा परिषद की 1267 अल कायदा प्रतिबंध समिति के तहत अजहर को सूचीबद्ध करने के फ्रांस के प्रस्ताव पर चीन के अड़ंगा लगाने के 2 हफ्ते बाद अमेरिका ने 27 मार्च को एक बड़ा कदम उठाया. अमेरिका ने अजहर को ब्लैकलिस्ट करने, उस पर यात्रा प्रतिबंध लगाने, उसकी संपत्ति की खरीद-बिक्री पर रोक और हथियार रखने पर रोक लगाने के लिए 15 देशों के शक्तिशाली परिषद में ड्राफ्ट पेश किया था.
पिछले महीने, चीन ने चौथी बार अजहर पर संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंध लगाने के प्रस्ताव का विरोध किया था. अजहर भारत में 14 फरवरी को हुए पुलवामा आत्मघाती हमले समेत कई हमले में वांछित है. चीन भारत, अमेरिका, ब्रिटेन व अन्य देशों के इस आग्रह को लगातार ठुकराता रहा है.
Source : News Nation Bureau