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मास्क-सैनेटाइजर दुकानों से हुए गायब, कीमतें तय करने के बाद शुरू हुई कालाबाजारी

सरकार ने मास्क और सैनेटाइजर की अधिकतम खुदरा कीमतें (Prices) भी तय कर दी हैं, लेकिन देश की राजधानी और आसपास के इलाकों में निर्धारित कीमतों पर ये दोनों वस्तुएं उपलब्ध नहीं हैं.

Updated on: 22 Mar 2020, 07:38 AM

highlights

  • फेस मास्क और हैंड सैनेटाइजर अब आवश्यक वस्तुओं में शामिल.
  • कालाबाजारी के चलते कीमतें तय होते ही दुकानों से हुए गायब.
  • सरकारी आदेश को धता बता अनाप-शनाप कीमत वसूल रहे दुकानदार.

नई दिल्ली:

कोरोना (Corona Virus) के कहर से बचने के उपाय के तौर पर इस्तेमाल हो रहे फेस मास्क (Mask) और हैंड सैनेटाइजर (Sanitizers) को अब आवश्यक वस्तुओं की कैटेगरी में शामिल कर लिया गया है, लेकिन दोनों वस्तुएं बाजार से गायब हैं. सरकार ने मास्क और सैनेटाइजर की अधिकतम खुदरा कीमतें (Prices) भी तय कर दी हैं, लेकिन देश की राजधानी और आसपास के इलाकों में निर्धारित कीमतों पर ये दोनों वस्तुएं उपलब्ध नहीं हैं. हालांकि ऊंचे भाव पर कुछ ग्राहकों की पहुंच में ये दोनों वस्तुएं अभी भी बनी हुई. केंद्रीय उपभोक्ता मामले मंत्रालय ने बीते सप्ताह ही एक बयान के जरिए मास्क (2 प्लाई एवं 3 प्लाई सर्जिकल मास्क, एन95 मास्क) और हैंड सैनेटाइजर को आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत शामिल करने के फैसले की जानकारी दी थी. साथ ही केंद्र सरकार ने विधिक माप विज्ञान अधिनियम के तहत एक राज्यों को एडवाइजरी भी जारी की थी.

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कालाबाजारी से गायब हुए मास्क-सैनेटाइजर
आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत आने वाली खाने-पीने की चीजों समेत जीवन के लिए जरूरी वस्तुओं की आपूर्ति सुनिश्चित करना और उनकी बिक्री अधिकतम खुदरा कीमत यानी एमआरपी पर सुनिश्चित करना राज्य सरकारों की जिम्मेदारी होती है और कालाबाजारी के खिलाफ कार्रवाई करने की शक्ति भी राज्य सरकार के पास होती है, लेकिन बाजार का सर्वे करने के बाद जो जानकारी मिली है, उससे यही लगता है कि मास्क और सैनेटाइजर की कालाबाजारी होने के कारण ये वस्तुएं दुकानों से गायब हैं.

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अनाप-शनाप कीमतों पर मिल रहे सैनेटाइजर
नाम नहीं छापने की शर्त पर ग्रेटर नोएडा स्थित एक दवाई के दुकानदार ने बताया कि ब्रांडेड मास्क तो सप्लायर के स्टॉक में भी नहीं हैं और दो-तीने प्लाई वाला मास्क जो मिल भी रहा है, वह बिना बिल के अनाप-शनाप कीमतों पर मिल रहा, जिसके कारण वह नहीं ला पा रहे हैं. इसकी वजह यह है कि सरकार ने इसकी कीमत तय कर दी है, जिसके ऊपर बेचना खतरे को मोल लेना है. उन्होंने बताया कि जिस मास्क की कीमत सरकार ने आठ से 10 रुपये तय की है, वह 20-25 रुपये में मिल रहा है. सैनेटाइजर के साथ भी ऐसा ही है, दुकानों के रैक से सैनिटाइजर गायब हैं. हालांकि सैनेटाइजर खरीदकर ले जाते एक ग्राहक ने बताया कि जान-पहचान वालों को ऊंचे भाव पर देने से दुकानदार मना नहीं करते हैं.

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सरकार के रुख के बाद शुरू हुई कालाबाजारी
इन बातों से जाहिर है कि मास्क और सैनेटाइजर की कीमत तय होने पर दोनों वस्तुएं बाजार से गायब हो चुकी हैं और इनकी कालाबाजारी शुरू हो चुकी है. केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री रामविलास पासवान ने शुक्रवार को ट्वीट के जरिए बताया कि कोरोनावायरस (कोविड-19) के फैलने के बाद से बाजार में विभिन्न फेस मास्क, इसके निर्माण में लगने वाली सामग्री और हैंड सैनेटाइजर की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि देखी गई है. इसलिए सरकार ने इसे गंभीरता से लेते हुए इनकी कीमतें तय कर दी हैं.

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30 जून तक लागू रहेंगी कीमतें
पासवान ने बताया, 'आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत 2 और 3 प्लाई मास्क में इस्तेमाल होने वाले फैब्रिक की कीमत वही रहेगी जो 12 फरवरी 2020 को थी, तीन प्लाई मास्क की खुदरा कीमत आठ रुपये प्रति मास्क और और तीन प्लाई के मास्क की कीमत 10 रुपये प्रति मास्क से अधिक नहीं होगी.' इसी प्रकार सैनेटाइजर की 200 मिलीलीटर की एक बोतल की खुदरा कीमत 100 रुपये तय की गई है और अन्य आकार की बोतलों की कीमत भी इसी अनुपात में रहेंगी. ये कीमतें 30 जून तक पूरे देश में लागू रहेंगी.