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36 घंटों के ऑपरेशन के बाद खाली हुआ मरकज, निकाले गए 2361 लोग : मनीष सिसोदिया

सिसोदिया ने उन सभी कर्मचारियों को धन्यवाद दिया, जो इस मरकज को खाली कराने में शामिल रहे. तबलीगी आयोजकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. तबलीगी जमात मरकज पर महामारी अधिनियम के प्रावधानों और आईपीसी की धारा 120 बी (आपराधिक साजिश) के उल्लंघन के लिए मामला द

Updated on: 01 Apr 2020, 05:45 PM

नई दिल्ली:

एक साथ ज्यादा लोगों के इकट्ठा होने पर प्रतिबंध के आदेशों के बावजूद तबलीगी जमात (Tablighi Jamaat) की बैठक रखने के विवाद के बीच जमात के निजामुद्दीन मरकज को पूरी तरह से खाली कर दिया गया है. यह जानकारी दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) ने ट्वीट कर दी. सिसोदिया ने ट्वीट किया, चिकित्सा कर्मचारियों की मदद से 36 घंटे के ऑपरेशन के बाद, सुबह 4 बजे तक पूरी इमारत खाली कर दी गई. कुल 2361 व्यक्ति पाए गए, जिनमें से 617 को अस्पतालों में भर्ती कराया गया है और बाकी सभी को  क्वारेंटाइन कर दिया गया है. सिसोदिया ने उन सभी कर्मचारियों को धन्यवाद दिया, जो इस मरकज को खाली कराने में शामिल रहे.

तबलीगी आयोजकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. तबलीगी जमात मरकज पर महामारी अधिनियम के प्रावधानों और आईपीसी की धारा 120 बी (आपराधिक साजिश) के उल्लंघन के लिए मामला दर्ज किया गया है. क्राइम ब्रांच मरकज प्रमुख के साथ-साथ साद साद कंधालवी से भी पूछताछ करेगी जिन्होंने संप्रदाय के अनुयायियों की इतनी बड़ी भीड़ को ऐसी स्थिति में एक जगह इकट्ठा किया, जहां कोरोनावायरस (Corona Virus) संक्रमण तेजी से फैलने का खतरा था.

क्राइम ब्रांच के सूत्रों ने कहा कि यह अब उन लोगों की तलाश करेगा जिन्होंने इस मरकज में भाग लिया और फिर देश के विभिन्न हिस्सों में गए, उनमें से कई लोग ऐसे हैं जो अपने साथ घातक कोरोना संक्रमण ले गए. कई राज्यों ने बताया है कि इन धार्मिक अनुयायियों को पहले ही कोरोना पॉजिटिव पाया जा चुका है. इसके अलावा, यह उन विदेशियों की भी सूची बनाएगा जो पहले ही अपने देशों के लिए रवाना हो चुके हैं.

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तबलीगी जमात ने अपनाया था अड़ियल रवैया
गृह मंत्रालय से जुड़े आला अधिकारियों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक तबलीगी जमात से लौटे इंडोनेशिया के 9 नागरिकों को तेलंगाना के करीमनगर में कोरोना वायरस से पॉजिटिव पाया गया था. इसके बाद सुरक्षा एजेंसियों समेत गृह मंत्री अमित शाह के लिए दिल्ली की मस्जिद को खाली कराना प्रमुख चुनौती बन गया था. खासकर यह देखते हुए कि मौलाना साद ने दिल्ली पुलिस के मस्जिद खाली कराने के सभी प्रयासों और निवेदनों को सिरे से खारिज कर दिया था. ऐसे में स्थिति की गंभीरता को देखते हुए अमित शाह को अंततः अजित डोभाल को इस मुहिम की कमान सौंपनी पड़ी.

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देश के कोने-कोने में पहुंचे 'कोरोना बम' 
इसके बाद अजित डोभाल मरकज पहुंचे और सभी को कोरोना वायरस की जांच के लिए राजी किया. उसी रात 167 तबलीगी कार्यकर्ताओं को अस्पताल ले जाया गया. इसके बाद कई और चरणों में सभी को अस्पताल पहुंचाया गया. इनमें से 93 की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है. यही नहीं, तबलीगी जमात के कार्यक्रम में शामिल होने के बाद हजारों की संख्या में कार्यकर्ता देश के कोने-कोने में वापस लौट चुके हैं. ऐसे में सक्रिय 'कोरोना बम' कोविड-19 संक्रमण के खिलाफ लॉकडाउन के उद्देश्य को किस तरह से पलीता लगा चुके हैं, यह सोच कर ही सिहरन पैदा हो जाती है. प्राप्त जानकारी के मुताबिक तबलीगी जमात में शामिल होने के बाद इसके कार्यकर्ता देश के 19 अलग-अलग राज्यों में पहुंचे हैं.