पूर्वी लद्दाख में भारत ने बनाया बड़ा प्लान, पैंगोंग झील क्षेत्र में तैनात किए MARCOS कमांडो
भारत ने पूर्वी लद्दाख में पेंगोंग झील के पास अपने सबसे खतरनाक मार्कोस कमांडोज को तैनात किया है.
लद्दाख:
पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच विवाद अभी खत्म नहीं हुआ है. एलएसी पर दोनों देशों की सेनाएं आमने सामने हैं. विस्तारवादी सोच वाला चीन अपनी धोखेबाजी और चालबाजी को अंजाम देने की लगातार कोशिशें कर रहा है. ऐसे में इसकी नियत से वाकिफ भारत भी सतर्क है और उसकी हर चाल को नाकाम कर रहा है. पेंगोंग झील ऐसा इलाका हैं, जहां सबसे ज्यादा तनाव है. लेकिन अब चीन इस इलाके में एक कदम भी आगे बढ़ाने से पहले हजार बार सोचेगा. उसे पेंगोंग झील में कोई भी हरकत महंगी पड़ेगी. क्योंकि भारत ने अब एक ऐसा कदम उठाया है, जिससे चीन में खलबली मच जाएगी.
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भारत ने पूर्वी लद्दाख में पेंगोंग झील के पास अपने सबसे खतरनाक मार्कोस कमांडोज को तैनात किया है. न्यूज एजेंसी एएनआई ने सरकारी सूत्रों के हवाले से बताया कि पूर्वी लद्दाख में पहले से ही वायुसेना के गरूड़ कमांडोज और भारतीय सेना के पैरा स्पेशल फोर्सेज तैनात हैं. ठंड के मौसम की किसी भी स्थिति को देखते हुए यहां मार्कोस कमांडोज को तैनात करने पर विचार गया था. जिससे तीनों सेनाओं को मजबूती मिल पाएगी. ठंड के मौसम में नौसैनिक कमांडो के आने के बाद तीनों सेनाओं की शक्ति एक साथ रहने से और बढ़ेगी.
सूत्रों ने बताया कि मार्कोस कमांडोज को पैंगोंग झील क्षेत्र में तैनात किया गया है, जहां भारतीय और चीनी सेना इस साल अप्रैल-मई समय सीमा के बाद से संघर्ष की स्थिति में हैं. उन्होंने यह भी बताया कि नौसेना के कमांडोज को जल्द ही झील में संचालन के लिए नई नावें मिलने वाली हैं, जिससे झील में मौजूदा बुनियादी ढांचे को अधिक मजबूत करते हुए नजर रखी जा सकेगी.
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भारतीय सेना की स्पेशल फोर्स जिसमें पैरा स्पेशल फोर्सेज और कैबिनेट सेक्रेटेरियट्स स्पेशल फ्रंटियर फोर्स शामिल हैं, पूर्वी लद्दाख में लंबे समय से विशेष अभियान चला रही हैं. इसके अलावा संघर्ष के शुरुआती दिनों में वायुसेना की गरुड स्पेशल फोर्स को वहां तैनात किया गया. उन्हें एलएसी पर रणनीतिक ऊंचाइयों पर पहाड़ी की चोटियों पर Igla कंधे से हवा में वार करने वाली रक्षा प्रणाली के साथ भेजा गया था. सेना और वायु सेना दोनों से संबंधित विशेष टुकड़ियाँ अब छह महीने से अधिक समय से हैं.
उल्लेखनीय है कि 29-30 अगस्त को भारत ने चीनी सेना को घुसपैठ करने से रोकने के लिए LAC के साथ सामरिक ऊंचाइयों पर कब्जा करने के लिए विशेष बलों का इस्तेमाल किया था. हालांकि चीनी ने एलएसी के अपने पक्ष में विशेष सैनिकों को भी बनाए रखा है.
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