एक पूर्व मंत्री और एक पुलिसकर्मी की हत्या कर चुके वरिष्ठ नक्सली कमांडर ने रविवार को सरेंडर किया।
झारखंड के तीन जिलों में आतंक का पर्याय बन चुके कुंदन पाहन ने अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक आर. के. मलिक और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के महानिरीक्षक आनंद लटकार की उपस्थिति में सरेंडर किया।
कुंदन ने पत्रकारों से कहा, 'मैं जिन-जिन वारदातों में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर पर शामिल रहा, उनकी जिम्मेदारी लेता हूं। मैं स्वीकार करता हूं कि मैंने गलतियां कीं और आगे खुद को सुधारने की कोशिश करूंगा।'
रांची के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कुलदीप द्विवेदी ने पत्रकारों से कहा कि कुंदन के सिर पर 15 लाख रुपये का इनाम था।
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द्विवेदी ने बताया कि कुंदन पूर्व मंत्री और तत्कालीन विधायक रमेश सिंह मुंडा की 2008 में हत्या करने, पुलिस निरीक्षक फ्रांसिस इंदुवर का सिर कलम करने और आईसीआईसी बैंक के नकदी वाहन से पांच करोड़ रुपये की लूट करने में शामिल था।
कुंदन के खिलाफ झारखंड में कुल 128 मामले दर्ज हैं। कुंदन के दो बड़े भाई भी नक्सली हैं, जिनमें से एक ने समर्पण कर दिया, जबकि दूसरे को गिरफ्तार कर लिया गया है।
कुख्यात है नक्सली कमांडर
झारखंड की राजधानी रांची के अलाव खुटी और सरायकेला-खरसावा जिलों में कुंदन काफी कुख्यात है। रांची और जमशेदपुर जिलों से वह अपने नक्सली वारदातों को अंजाम देता था।
कुंदन के आदेश पर खुटी से विशेष शाखा के निरीक्षक इंदुवर का अपहरण कर लिया गया था। बाद में सिर काट कर इंदुवर की हत्या कर दी गई थी।
1999 में नक्सली आंदोलन से जुड़ा
कुंदन 16 वर्ष की आयु में 1999 में नक्सली आंदोलन से जुड़ा। वह 2006 में प्रतिबंधित भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) की क्षेत्रीय समिति का सदस्य बना और 2012 में समिति का सचिव बन गया।
झारखंड पुलिस ने शुरू किया नया कार्यक्रम
झारखंड पुलिस ने नक्सलियों को सरेंडर करने को प्रेरित करने के लिए एक नया कार्यक्रम शुरू किया है। इस कार्यक्रम के तहत अब तक 107 नक्सली सरेंडर कर चुके हैं।
इसी महीने इससे पहले एक और दुर्दात नक्सली और 15 लाख रुपये के इनामी नकुल यादव ने सरेंडर किया था।
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Source : IANS