कोरोना वायरस (Corona Virus) की त्रासदी के बीच कई स्कूलों ने बढ़ाई फीस, टेंशन में अभिभावक

कई स्कूलों ने फीस बढ़ोतरी की घोषणा की है जिससे देश में कोरोना वायरस (Corona Virus) से निपटने के लिए लगाये गये लॉकडाउन (Lockdown) के दौरान शुल्क में कुछ राहत मिलने का इंतजार कर अभिभावकों की परेशानी और बढ़ गई है.

कई स्कूलों ने फीस बढ़ोतरी की घोषणा की है जिससे देश में कोरोना वायरस (Corona Virus) से निपटने के लिए लगाये गये लॉकडाउन (Lockdown) के दौरान शुल्क में कुछ राहत मिलने का इंतजार कर अभिभावकों की परेशानी और बढ़ गई है.

author-image
Sunil Mishra
एडिट
New Update
School

कोरोना वायरस त्रासदी के बीच कई स्कूलों ने बढ़ाई फीस, टेंशन में अभिभावक( Photo Credit : FILE PHOTO)

कई स्कूलों ने फीस बढ़ोतरी की घोषणा की है जिससे देश में कोरोना वायरस (Corona Virus) से निपटने के लिए लगाये गये लॉकडाउन (Lockdown) के दौरान शुल्क में कुछ राहत मिलने का इंतजार कर अभिभावकों की परेशानी और बढ़ गई है. अभिभावकों ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय को ऑनलाइन अनुरोध भेजने शुरू कर दिये है जिनमें वे स्कूलों के फिर से खुलने तक इस शैक्षणिक सत्र के लिए शुल्क को नहीं बढ़ाये जाने संबंधी निर्देश स्कूलों को दिये जाने की मांग कर रहे हैं.

Advertisment

यह भी पढ़ें : अमित शाह बोले- चिंता की कोई बात नहीं, आवश्यक वस्तुओं का पर्याप्त भंडार

गुजरात सरकार ने सोमवार को घोषणा की थी कि निजी स्कूल एक वर्ष के लिए शुल्क नहीं बढ़ायेंगे जबकि पश्चिम बंगाल सरकार ने स्कूलों से शुल्क नहीं बढ़ाये जाने की अपील की थी. हालांकि दिल्ली-एनसीआर में शुल्क वृद्धि पर कोई स्पष्ट निर्देश जारी नहीं किये गये है. नोएडा के एक स्कूल में पढ़ने वाले एक बच्चे के अभिभावक पी जोशी ने कहा, ‘‘सामान्य स्थिति कब बहाल होगी, इस बारे में हमें कुछ नहीं पता. हम अपने-अपने कार्यस्थलों पर कब तक वापसी कर पायेंगे यह भी एक सवाल है जिसका अभी कोई उत्तर नहीं है और इस बीच हमे शुल्क वृद्धि के बारे में स्कूल से सूचना मिलती है. मैं चकित था कि मैं इसे कैसे वहन कर पाऊंगा? मैं स्कूल शुल्क वृद्धि और परिवहन वृद्धि को लेकर चिंतित हूं जिस संबंध में स्कूल का कहना है कि इससे शैक्षणिक वर्ष 2020-21 के लिए खर्चों को पूरा किया जायेगा.

गुड़गांव में एक अभिभावक जागृति शुक्ला ने कहा, ‘‘हम स्कूलों की चिंता को समझते हैं कि उन्हें वेतन का भुगतान करना है और वे शुल्क में छूट नहीं दे सकते लेकिन कम से कम इस मुश्किल समय में शुल्क वृद्धि को टाला जा सकता है.सरकार इस संबंध में कोई आदेश पारित क्यों नहीं कर रही है?" राजेश कुमार ने भी इस तरह की चिंता जाहिर करते हुए कहा कि वेतन और अन्य भत्तों में कटौती होने से वह पहले से ही वित्तीय संकट का सामना कर रहे है.

यह भी पढ़ें : भूल से भी अपने पर्स में ना रखें ये चीज, बिगड़ सकती है आर्थिक स्थिति

उन्होंने कहा, ‘‘हमें मूल वेतन ही मिल रहा है, लेकिन प्रदर्शन से जुड़े अन्य लाभ लॉकडाउन की अवधि के लिए स्थगित कर दिए गए हैं. लेकिन स्कूल शुल्क वृद्धि सामान्य रूप से जारी है.’’ कोरोना वायरस से निपटने के लिए राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन की घोषणा के मद्देनजर मार्च के मध्य में स्कूलों को बंद कर दिया गया था.देशभर में 21 दिन के लॉकडाउन की अवधि आज समाप्त हो रही थी लेकिन अब इसे तीन मई तक बढ़ा दिया गया है. हालांकि कई स्कूल पहले ही पढ़ाई गतिविधियों को ऑनलाइन शुरू कर चुके हैं.

राजस्थान, पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश सरकारों ने घोषणा की है कि स्कूलों को लॉकडाउन के दौरान अभिभावकों को शुल्क देने के लिए बाध्य नहीं करना चाहिए.हालांकि अभिभावकों के बीच इस बारे में कोई स्पष्टता नहीं है कि इस अवधि के दौरान कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा या उन्हें बाद में भुगतान करना होगा.दिल्ली सरकार ने शुल्क में किसी तरह की संभावित राहत के बारे में कोई निर्देश जारी नहीं किया है और दिल्ली में निजी स्कूल ऐसा मान रहे है कि सरकार की शुल्क समीक्षा प्रबंध समिति से शुल्क वृद्धि पर मंजूरी मिल जायेगी.

Source : Bhasha

covid-19 school fee lockdown corona-virus HRD Ministry
      
Advertisment