लाल किले से गायब हुए बेशकीमती पुरावशेष, 30 वाहनों को लिया रडार पर
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग की ओर से तैयार रिपोर्ट में इसका खुलासा होने के बाद केंद्रीय संस्कृति मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने दिल्ली पुलिस (Delhi Police) को खोजने के निर्देश दिए हैं.
नई दिल्ली:
गणतंत्र दिवस (Republic Day) पर लाल किले पर प्रदर्शनकारी किसानों के उपद्रव के दौरान जहां इस राष्ट्रीय धरोहर को भारी नुकसान पहुंचा, वहीं कई ऐतिहासिक पुरावशेष गायब भी हुए हैं. घटना के बाद भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग की ओर से तैयार रिपोर्ट में इसका खुलासा होने के बाद केंद्रीय संस्कृति मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने दिल्ली पुलिस (Delhi Police) को खोजने के निर्देश दिए हैं. मंत्री ने उम्मीद जताई है कि पुलिस जल्द अवशेषों को बरामद करेगी. इस बीच दिल्ली पुलिस ने गणतंत्र दिवस के मौके पर ट्रैक्टर रैली के लिए निर्धारित मार्ग का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई तेज कर दी है. पुलिस ने प्राथमिकी में ट्रैक्टर सहित ऐसे 30 वाहनों को सूचीबद्ध किया है, जिन्होंने निर्धारित मार्ग का उल्लंघन किया. पुलिस अब इन वाहनों के मालिकों का पता लगाने में जुट गई है.
केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) प्रहलाद सिंह पटेल ने अपने आवास पर मीडिया से बातचीत में बताया कि लालकिले के बाहर लाइट के जितने भी इंस्ट्रूमेंट थे उन्हें तोड़ दिया गया है. पहली मंजिल पर इंटरपिटेशन सेंटर बन रहा था, जिसके 6-7 ब्लॉक्स को नष्ट कर दिया गया है. जिस मुख्य स्थान से झंडा फहराया जाता है, वहां पर रखे दो ऐतिहासिक कलश गायब हैं. लालकिले के मुख्य द्वार को भी तोड़ा गया है और भी कई पुराशेषों को नुकसान पहुंचाया गया है. केंद्रीय मंत्री ने बताया कि ऐतिहासिक अवशेष बेशकीमती होते हैं, जिनकी भरपाई नहीं की जा सकती. लाल किले में तोड़फोड़ से हुए आर्थिक नुकसान का आंकलन किया रहा है. उन्होंने बताया कि रिपोर्ट पुलिस को सौंप दी गई है, जिसके आधार पर पुलिस सख्त कार्रवाई करेगी और गायब हुए पुरातात्विक अवशेषों को बरामद करेगी.
किसानों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है, जिसमें धारा 147, 148 (हिंसा या दंगा करने से संबंधित), 120 बी (आपराधिक साजिश) और 307 (हत्या का प्रयास) शामिल हैं. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार हिंसा में 394 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं, जिनमें से अधिकांश अस्पताल में भर्ती हैं, जबकि कुछ गंभीर पुलिसकर्मियों को आईसीयू में भी भर्ती कराना पड़ा है. अभी तक 25 से अधिक आपराधिक मामले दर्ज किए गए हैं और 19 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और 50 से अधिक प्रदर्शनकारियों को हिरासत में भी लिया गया है.
पुलिस के अनुसार वाहनों ने जो मार्ग निर्धारित किया था, उसका उल्लंघन किया और इन वाहनों पर सवार लोगों ने हिंसा फैलाई. इसके साथ ही उन्होंने 26 जनवरी को आधिकारिक ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों पर जानलेवा हमले भी किए. पुलिस ने कहा कि प्रदर्शनकारियों ने ड्यूटी पर मौजूद पुलिसकर्मियों से पिस्तौल, गोला बारूद और यहां तक कि गैस गन्स भी छीन लीं. दिल्ली पुलिस की विशेष यूनिट्स क्राइम ब्रांच और स्पेशल सेल ने गणतंत्र दिवस के मौके पर राष्ट्रीय राजधानी में हुई हिंसा के सिलसिले में हिंसक प्रदर्शनकारियों और एफआईआर में नामजद लोगों के खिलाफ सबूत इकट्ठा करना शुरू कर दिया है.
दिल्ली पुलिस ने गणतंत्र दिवस की ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा के संबंध में एफआईआर में नामजद किसान नेताओं के खिलाफ एक लुकआउट सर्कुलर जारी किया है. पुलिस ने कहा कि उनके पासपोर्ट को सरेंडर करने की प्रक्रिया भी शुरू की जाएगी, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वे देश से बाहर न जाएं. एफआईआर में किसान नेता राकेश टिकैत, दर्शन पाल, गुरनाम सिंह चढ़ूनी, राजिंदर सिंह, बलबीर सिंह राजेवाल, बूटा सिंह बुर्ज गिल, योगेंद्र यादव, मेधा पाटकर, अविक साहा और जोगिंदर सिंह सहित कुल 37 किसान नेताओं का नाम है. किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा के संबंध में इन किसान नेताओं को नामजद किया गया है. 26 जनवरी को पुलिस पर हमला करने और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले हिंसक प्रदर्शनकारियों की पहचान करने के लिए पुलिस सभी उपलब्ध तस्वीरों और वीडियो फुटेज का विश्लेषण कर रही है.
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