अब सीएए के खिलाफ भी विदेश से उठी आवाजें, शरजील, खालिद की रिहाई की मांग
अमेरिका में उठी इस मांग को कई देशों में फैले भारतीयों, विदेशी नागरिकों और नेताओं ने समर्थन दिया है. इनका कहना है कि भारत में सीएए के खिलाफ लोकतांत्रित तरीके से विरोध करने वाले लोगों को निशाना बनाया जा रहा है.
highlights
- सीएए विरोधी आंदोलन में गिरफ्तार लोगों की रिहाई की मांग
- दिल्ली-18 नाम से बनाई गई जेल में बंद लोगों की लिस्ट
- लिस्ट में शरजील इमाम, उमर खालिद, सफूरा जरगर का भी नाम
नई दिल्ली:
किसान आंदोलन की तो याद होगी ही सभी को. दिल्ली की सीमा पर कृषि कानूनों के खिलाफ बैठे किसानों को ब्रिटेन, कनाडा, अमेरिका सहित कई देशों से समर्थन मिला था. अब कुछ ऐसा ही समर्थन नागरिकता संशोधन कानून की खिलाफत करने वालों को मिल रहा है. गणतंत्र दिवस पर अमेरिका में भारत के सीएए के विरोध में हिंसा के 18 आरोपियों की रिहाई की मांग की गई है. अमेरिका में उठी इस मांग को कई देशों में फैले भारतीयों, विदेशी नागरिकों और नेताओं ने समर्थन दिया है. इनका कहना है कि भारत में सीएए के खिलाफ लोकतांत्रित तरीके से विरोध करने वाले लोगों को निशाना बनाया जा रहा है. इन लोगों ने आरोपी छात्रों को 'दिल्ली 18' का नाम भी दिया है. रिहाई की मांग से जुड़ी दिल्ली 18 की लिस्ट में उमर खालिद, शरजील इमाम और सफूरा जरगर समेत कई लोगों का नाम शामिल है.
दिल्ली 18 लिस्ट में ये हैं नाम
जानकारी के मुताबिक गणतंत्र दिवस पर दुनिया के कई क्षेत्रों से जुड़े लोगों ने एक बयान में कहा कि आरोपी बनाए गए 18 छात्रों और कार्यकर्ताओं के खिलाफ दर्ज सभी मामले वापस लिए जाएं. दिल्ली 18 लिस्ट में शरजील इमाम, इशरत जहां, खालिद सैफी, ताहिर हुसैन, सलीम मलिक, मोहम्मद सलीम खान, मीरन हैदर, शादाब अहमद, गुलफिशा फातिमा, तस्लीम अहमद, शिफा उर रहमान, अतहर खान, उमर खालिद, सफूरा जरगर, मोहम्मद फैजान खान, आसिफ इकबाल तनहा, नताशा नरवाल और देवांगना कालिता शामिल हैं. दिल्ली 18 की लिस्ट में 13 मुस्लिम हैं और बीते एक साल से जेल में बंद हैं.
ऑस्ट्रेलियाई सांसद कहीं ज्यादा मुखर
ऑस्ट्रेलियाई संसद सदस्य डेविड शूब्रिज ने भी बेहद मुखर अंदाज में कहा कि भारत के गणतंत्र दिवस के अवसर पर, नेताओं और दुनियाभर में मानवाधिकारों से संबंधित लोगों के साथ मैं 18 बहादुर छात्रों और कार्यकर्ताओं पर आरोप लगाए जाने के खिलाफ आवाज उठाता हूं. यही नहीं, डेविड यहां तककह गए कि उन्हें भारतीय सत्ता द्वारा गलत तरीके आतंकवादी बताया जा रहा है. एमनेस्टी इंटरनेशनल के इंडिया कंट्री स्पेशलिस्ट गोविन्द आचार्य ने छात्रों और कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर आघात करार दिया और सभी आरोपियों को रिहा करने की मांग की है.
इन देशों के लोगों ने की है रिहाई की मांग
गणतंत्र दिवस पर सीएए के खिलाफ हिंसा फैलाने वालों की रिहाई की मांग करने वाले दक्षिण अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी, नीदरलैंड्स और न्यूजीलैंड में रहने वाले भारतीयों के प्रतिनिधियों ने भी दिल्ली 18 को अन्यायपूर्ण तरीके से आरोपी बनाए जाने की निंदा की है. बयान पर हस्ताक्षर करने वालों में हिंदूज फॉर ह्यूमन राइट्स (अमेरिका), इंटरनेशनल कॉउंसिल ऑफ इंडियन मुस्लिम्स, वर्ल्डवाइड, दलित सोलिडेरिटी फोरम (अमेरिका) आदि संगठनों से जुड़े लोग शामिल हैं.
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