New Update
/newsnation/media/post_attachments/images/2021/11/15/mannu-bhandari-48.jpg)
मन्नू भंडारी, लेखिका( Photo Credit : NEWS NATION)
0
By clicking the button, I accept the Terms of Use of the service and its Privacy Policy, as well as consent to the processing of personal data.
Don’t have an account? Signup
मन्नू भंडारी, लेखिका( Photo Credit : NEWS NATION)
हिंदी की सुप्रसिद्ध लेखिका और कथाकार मन्नू भंडारी का आज 15 नवंबर को निधन हो गया है. वह 90 वर्ष की थीं. अपने लेखन में पुरुषवादी समाज पर चोट करने वाली मन्नू भंडारी के निधन पर सोशल मीडिया पर श्रद्धांजलि देने वालों का तांता लग गया है. मन्नू भंडारी ने बहुत सारी बेहतरीन कहानियां और उपन्यास हिंदी साहित्य को दिये. उनकी लिखी एक कहानी 'यही सच है' पर बासु चैटर्जी ने 1974 में 'रजनीगंधा' फिल्म भी बनाई थी. 'आपका बंटी' उनकी एक बहुत ही प्रसिद्ध कृति है. 3 अप्रैल 1931 को मध्य प्रदेश के मंदसौर में जन्मी मन्नू भंडारी सुप्रसिद्ध साहित्यकार और चर्चित संपादक राजेंद्र यादव की पत्नी थीं.
Renowned Hindi author Mannu Bhandari passed away at Narayana hospital in Gurugram, Haryana today. She had been keeping unwell; her last rites will be performed in Delhi tomorrow, confirms her daughter.
(Pic source: NCERT Official YouTube channel) pic.twitter.com/vHXgvs3lBH
— ANI (@ANI) November 15, 2021
मन्नू भंडारी के बचपन का नाम महेंद्र कुमारी था, मगर लेखन के लिए उन्होंने मन्नू नाम चुना. मन्नू नाम चुनने की वजह थी कि बचपन में सब उन्हें इसी नाम से पुकारते थे और आजीवन वह मन्नू भंडारी के नाम से ही मशहूर रहीं. दिल्ली के प्रतिष्ठित मिरांडा हाउस कॉलेज में वह लंबे समय तक पढ़ाती रहीं.
धर्मयुग में धारावाहिक रूप से प्रकाशित उपन्यास आपका बंटी से लोकप्रियता प्राप्त करने वाली मन्नू भंडारी विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन में प्रेमचंद सृजनपीठ की अध्यक्षा भी रहीं. लेखन का संस्कार उन्हें विरासत में मिला. उनके पिता सुख सम्पतराय भी जाने माने लेखक थे.
मन्नू भंडारी को सबसे ज़्यादा शोहरत मिली 'आपका बंटी' से, जिसमें प्रेम, विवाह, तलाक़ और वैवाहिक रिश्ते के टूटने-बिखरने की कहानी है. इसे हिन्दी साहित्य का मील का पत्थर माना जाता है. इस पर 'समय की धारा' नामक फ़िल्म बनी थी. इस किताब का अनुवाद बांग्ला, अंग्रेजी और फ्रांसीसी में हुआ. इस पुस्तक से मन्नू भंडारी हिन्दी साहित्य की सुपर स्टार बन कर उभरीं.
'आपका बंटी' एक कालजयी उपन्यास है. इसे हिंदी साहित्य की एक मूल्यवान उपलब्धि के रूप में देखा जाता है. इस उपन्यास की विशेषता यह है कि यह एक बच्चे की निगाहों से घायल होती संवेदना का बेहद मार्मिक चित्रण करता है, जिसमें मध्यमवर्गीय परिवार में संबंध विच्छेद की स्थिति एक बच्चे की दुनिया का भयावह दुःस्वप्न बन जाती है.
मन्नू भंडारी ने इस पर बनी फ़िल्म 'समय की धारा' के निर्माता-निर्देशक पर अदालत में मामला दायर कर दिया. उनका कहना था कि शबाना आज़मी, शत्रुघ्न सिन्हा और विनोद मेहरा अभिनीत 'समय की धारा में उनके उपन्यास 'आपका बंटी' को ग़लत ढंग से प्रस्तुत किया गया है. इस फिल्म के आखिर में बंटी की मृत्यु दिखाई गई थी, जबकि उपन्यास में ऐसा नहीं था. यह एक तथ्य है कि मुकदमा काफी लंबे समय तक चला और अंततः उच्च न्यायालय से कॉपी राइट एक्ट के तहत लेखकों के लिए एक नजीर साबित हुआ.
Source : News Nation Bureau