'मन की बात' में पीएम मोदी ने कहा, पोखरण परीक्षणों ने देश की परमाणु शक्ति का मनावाया लोहा
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि 20 साल पहले किए गए पोखरण-2 परमाणु परीक्षणों ने दुनियाभर में भारत की परमाणु क्षमता का लोहा मनवाया था।
highlights
- भारत ने शांति से रहने के लिए परमाणु शक्ति हासिल की: मोदी
- शांति से रहने के लिए आंतरिक शक्ति बहुत जरूरी: मोदी
- भारत ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अपनी ताकत का भी लोहा मनवाया: मोदी
नई दिल्ली:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज 43 वीं बार देश की जनता से मन की बात की। इस दौरान पीएम मोदी ने मई 1998 के बारे में जिक्र किया।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि 20 साल पहले किए गए पोखरण-2 परमाणु परीक्षणों ने दुनियाभर में भारत की परमाणु क्षमता का लोहा मनवाया था। मोदी ने लोगों को बुद्ध पूर्णिमा की बधाई देते हुए याद करते हुए कहा कि यह परीक्षण बुद्ध पूर्णिमा के दिन 11 मई 1998 को किए गए थे।
मोदी ने अपने मासिक रेडियो संबोधन 'मन की बात' में देश को संबोधित करते हुए कहा, '11 मई, 1998 को देश के पश्चिमी छोर में राजस्थान के पोखरण में परमाणु परीक्षण किया गया था। पोखरण परीक्षण हुए 20 साल हो गए हैं और यह परीक्षण महात्माप बुद्ध के आर्शीवाद के साथ बुद्ध पूर्णिमा के ही दिन हुआ था। भारत का परमाणु परीक्षण सिर्फ सफल ही नहीं रहा बल्कि इसके जरिए भारत ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अपनी ताकत का भी लोहा मनवाया था। हम यह भी कह सकते हैं कि यह तारीख भारत के इतिहास में देश की सैन्य शक्ति के प्रदर्शन के तौर पर दर्ज हो गई है।'
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मोदी ने कहा कि भगवान बुद्ध ने कहा था कि शांति से रहने के लिए आंतरिक शक्ति बहुत जरूरी है और भारत ने भी शांति से रहने के लिए परमाणु शक्ति हासिल की।
उन्होंने कहा, 'भगवान बुद्ध ने दुनिया को दिखा दिया कि अंदरूनी शक्ति या आत्मा की ताकत शांति के लिए जरूरी है। इसी तरह यदि आप एक देश के रूप में मजबूत हैं तो आप दूसरे देशों के साथ शांति से रह सकते हैं। मई 1998 का महीना परमाणु परीक्षणों के पहलू से ही देश के लिए महत्वपूर्ण नहीं है बल्कि जिस तरह से भारत ने ये परीक्षण किए, उस लिहाज से भी महत्वपूर्ण है।'
प्रधानमंत्री ने कहा, 'इसने दुनिया को दिखा दिया था कि भारत महान वैज्ञानिकों की भूमि है और मजबूत नेतृत्व से भारत दूरस्थ स्थानों तक पहुंच सकता है और नए कीर्तिमान स्थापित कर सकता है। इसी दिन अटल बिहारी वाजपेयी जी ने 'जय जवान जय किसान, जय विज्ञान' का नारा दिया था।'
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