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मन की बात : पीएम मोदी का सख्त संदेश- अब भारत साजिश करने वालों को मुंहतोड़ जवाब देता है

मन की बात (Mann Ki Baat) : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मन की बात (Mann Ki Baat) कार्यक्रम के जरिए राष्ट्र को संबोधित कर रहे हैं. 'मन की बात' कार्यक्रम का यह अब तक का 77वां है.

Updated on: 30 May 2021, 11:49 AM

नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात (Mann Ki Baat) कार्यक्रम के जरिए राष्ट्र को संबोधित किया. 'मन की बात' कार्यक्रम का यह अब तक का 77वां है. आज प्रधानमंत्री मोदी कोरोना से निपटने के तरीकों और रोकथाम के उपायों को लेकर चर्चा कर की. इसके अलावा वह प्राकृतिक आपदों को लेकर भी अपनी बात रखी. पीएम नरेंद्र मोदी ने इस दौरान चक्रवात तौकते और यास का जिक्र किया है. आपको बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी ने इस कार्यक्रम के लिए 13 मई को जनता से उनके विचार और सुझाव भी मांगे थे.

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Mann Ki Baat Updates:- 

- पीएम मोदी ने कहा कि इस वैश्विक-महामारी के बीच भारत, ‘सेवा और सहयोग’ के संकल्प के साथ आगे बढ़ रहा है. यही हमारी जीत का रास्ता है. आप सभी स्वस्थ रहिए, देश को इसी तरह आगे बढ़ाते रहिए. 

- इस दौरान भारत के खिलाफ साजिश रचने वालों को भी पीएम मोदी ने करारा जवाब दिया है. उन्होंने कहा कि अब भारत दूसरे देशों की सोच और उनके दबाव में नहीं, अपने संकल्प से चलता है, इससे हम सबको गर्व होता है. अब भारत अपने खिलाफ साज़िश करने वालों को मुंहतोड़ जवाब देता है, तो हमारा आत्मविश्वास और बढ़ता है. पीएम मोदी ने कहा कि जब भारत राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर समझौता नहीं करता, जब हमारी सेनाओं की ताकत बढ़ती हैं, तो हमें लगता है कि हा, हम सही रास्ते पर हैं. 

- सरकार के 7 साल पूरे होने पर पीएम मोदी ने कहा कि आज 30 मई को हम ‘मन की बात’ कर रहे हैं और संयोग से ये सरकार के 7 साल पूरे होने का भी समय है. इन वर्षों में देश ‘सबका-साथ, सबका-विकास, सबका-विश्वास’ के मंत्र पर चला है. देश की सेवा में हर क्षण समर्पित भाव से हम सभी ने काम किया है. इन 7 वर्षों में जो कुछ भी उपलब्धि रही है, वो देश की रही है, देशवासियों की रही है. कितने ही राष्ट्रीय गौरव के क्षण हमने इन वर्षों में साथ मिलकर अनुभव किए हैं.

- नरेंद्र मोदी ने कहा कि रिकॉर्ड खाद्यान्न-उत्पादन की वजह से ही हमारा देश हर देशवासी को संबल प्रदान कर पा रहा है. आज इस संकट काल में 80 करोड़ गरीबों को मुफ़्त राशन उपलब्ध कराया जा रहा है, ताकि गरीब के घर में भी कभी ऐसा दिन न आए जब चूल्हा न जले. उन्होंने कहा कि आज हमारे देश के किसान, कई क्षेत्रों में नई व्यवस्थाओं का लाभ उठाकर कमाल कर रहे हैं. किसान-रेल अब तक करीब-करीब 2 लाख टन उपज का परिवहन कर चुकी है. अब किसान बहुत कम कीमत पर फल, सब्जियाँ, अनाज, देश के दूसरे सुदूर हिस्सों में भेज पा रहा है.

 - कृषि की बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि हमारे देश पर इतना बड़ा संकट आया, इसका असर देश की हर एक व्यवस्था पर पड़ा. कृषि-व्यवस्था ने ख़ुद को इस हमले से काफी हद तक सुरक्षित रखा. सुरक्षित ही नहीं रखा, बल्कि प्रगति भी की, आगे भी बढ़ी. इस महामारी में भी हमारे किसानों ने रिकॉर्ड उत्पादन किया है तो इस बार देश ने रिकॉर्ड फसल खरीदी भी की है. इस बार कई जगहों पर तो सरसों के लिए किसानों को एमएसपी से भी ज्यादा भाव मिला है.

- पीएम मोदी ने कहा कि हमारे इन जवानों, इन वॉरियर्स ने जो काम किया है, इसके लिए देश इन्हें सेल्यूट करता है. इसी तरह लाखों लोग दिन रात जुटे हुए हैं, जो काम वो कर रहे हैं, वो इनके रुटीन काम का हिस्सा नहीं है. पीएम मोदी ने कहा कि इस तरह की आपदा तो दुनिया पर 100 साल बाद आई है , एक शताब्दी के बाद इतना बड़ा संकट ! इसलिए, इस तरह के काम का किसी के पास कोई भी अनुभव नहीं था. इसके पीछे देशसेवा का जज़्बा है और एक संकल्पशक्ति है. इसी से देश ने वो काम किया है जो पहले कभी नहीं हुआ.

- नरेंद्र मोदी ने कहा कि वास्तव में ये लड़ाई इतनी बड़ी है कि इसमें रेलवे की ही तरह हमारा देश, जल, थल, नभ, तीनों मार्गों से काम कर रहा है. एक ओर खाली टैंकर को एयरफोर्स के विमानों द्वारा ऑक्सीजन प्लांट तक पहुंचाने का काम हो रहा है, दूसरी ओर नए ऑक्सीजन प्लांट बनाने का काम भी पूरा किया जा रहा है. मोदी ने कहा कि साथ ही, विदेशों से ऑक्सीजन, ऑक्सीजन कंसंट्रेटर और क्रायोजैनिक टैंकर भी देश में लाए जा रहे हैं, इसलिए, इसमें नेवी भी लगी, एयरफोर्स भी लगी, आर्मी भी लगी और DRDO जैसी हमारी संस्थाएं भी जुटी हैं.

- उन्होंने कहा कि माताओं-बहनों को ये सुनकर गर्व होगा कि एक ऑक्सीजन एक्सप्रेस तो पूरी तरह महिलाएं ही चला रही हैं. देश की हर नारी को इस बात का गर्व होगा. इतना ही नहीं, हर हिन्दुस्तानी को गर्व होगा. प्रधानमंत्री ने ‘मन की बात’ में ऑक्सीजन एक्सप्रेस की एक लोको पायलट शिरिषा गजनी से संवाद किया.

- प्रधानमंत्री ने कहा कि जब ये देश सुनेगा न, देश को गर्व होगा कि लड़ाई हम जीतेंगे. क्योंकि दिनेश उपाध्याय जैसे लाखों-लाखों ऐसे लोग हैं जो जी-जान से जुटे हुए हैं. चुनौती के इसी समय में ऑक्सीजन के ट्रांसपोर्टेशन को आसान करने के लिए भारतीय रेल भी आगे आई है. ऑक्सीजन एक्सप्रेस, ऑक्सीजन रेल ने सड़क पर चलने वाले ऑक्सीजन टैंकर से कहीं ज्यादा तेज़ी से, कहीं ज्यादा मात्रा में ऑक्सीजन देश के कोने-कोने में पहुंचाई है. 

- नरेंद्र मोदी ने कहा कि इंडस्ट्रियल ऑक्सीजन का उत्पादन करने वाले काफी प्लांट देश के पूर्वी हिस्सों में हैं, वहां से दूसरे राज्यों में ऑक्सीजन पहुंचाने के लिए भी कई दिन का समय लगता है. देश के सामने आई इस चुनौती में देश की मदद की, क्रायोजैनिक टैंकर चलाने वाले ड्राइवरों ने ऑक्सीजन एक्सप्रेस ने, एयरफोर्स के पायलट ने. प्रधानमंत्री मोदी ने ‘मन की बात’ में यूपी के जौनपुर के रहने वाले दिनेश बाबूलनाथ उपाध्याय से संवाद किया.

- ऑक्सीजन की किल्लत को लेकर भी पीएम मोदी ने अपनी बात रखी है. उन्होंने कहा कि जब दूसरी लहर आई, अचानक से ऑक्सीजन की मांग कई गुना बढ़ गई तो बहुत बड़ा चैलेंज था. मेडिकल ऑक्सीजन का देश के दूर-सुदूर हिस्सों तक पहुंचाना अपने आप में बड़ी चुनौती थी. उन्होंने कहा कि ऑक्सीजन टैंकर ज्यादा तेज चले. छोटी-सी भी भूल हो, तो उसमें बहुत बड़े विस्फोट का खतरा होता है. 

- उन्होंने कहा कि देश की सामूहिक शक्ति और हमारे सेवाभाव ने देश को हर तूफ़ान से बाहर निकाला है. मोदी ने कहा कि हाल के दिनों में हमने देखा है कि कैसे हमारे डॉक्टर्स, नर्स और फ्रंट लाइन वॉरियर्स, उन्होंने खुद की चिंता छोड़कर दिन रात काम किया और आज भी कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस सबके बीच कई लोग ऐसे भी हैं, जिनकी कोरोना की दूसरी लहर से लड़ने में बहुत बड़ी भूमिका रही है.

- कोरोना का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि मैं उन सभी लोगों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं, जिन्होंने अपने करीबियों को खोया है. हम सभी इस मुश्किल घड़ी में उन लोगों के साथ मजबूती से खड़े हैं, जिन्होंने इस आपदा का नुकसान झेला है. पीएम मोदी ने कहा कि चुनौती कितनी ही बड़ी हो, भारत का विजय का संकल्प भी हमेशा उतना ही बड़ा रहा है. देश की सामूहिक शक्ति और हमारे सेवा-भाव ने, देश को हर तूफ़ान से बाहर निकाला है.

- प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि विपदा के इस कठिन और असाधारण परिस्थिति में चक्रवात से प्रभावित हुए सभी राज्यों के लोगों ने जिस प्रकार से साहस का परिचय दिया है, इस संकट की घड़ी में बड़े धैर्य के साथ, अनुशासन के साथ मुक़ाबला किया है- मैं आदरपूर्वक, हृदयपूर्वक सभी नागरिकों की सराहना करना चाहता हूं. जिन लोगों ने आगे बढ़कर राहत और बचाव के कार्य में हिस्सा लिया, ऐसे सभी लोगों की जितनी सराहना करें, उतनी कम है. मैं उन सब को सेल्यूट करता हूं. केंद्र, राज्य सरकारें और स्थानीय प्रशासन सभी, एक साथ मिलकर इस आपदा का सामना करने में जुटे हुए हैं.

- पीएम मोदी ने महामारी के बीच चक्रवातों से मची तबाही का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि चक्रवात अम्फान आया, चक्रवात निसर्ग आया, अनेक राज्यों में बाढ़ आई, छोटे-बड़े अनेक भूकंप आए, भूस्खलन हुए. अब चक्रवात ताऊते और चक्रवात यास ने कई राज्यों को प्रभावित किया है. देश और देश की जनता इनसे पूरी ताक़त से लड़ी और कम से कम जनहानि सुनिश्चित की. उन्होंने कहा कि हम अब ये अनुभव करते हैं कि पहले के वर्षों की तुलना में, ज़्यादा से ज़्यादा लोगों की जान बचा पा रहे हैं.

- कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि हम देख रहे हैं कि किस प्रकार से देश पूरी ताक़त के साथ COVID-19 के खिलाफ़ लड़ रहा है. उन्होंने कहा कि पिछले 100 वर्षों में यह सबसे बड़ी महामारी है और इसी pandemic के बीच भारत ने अनेक प्राकृतिक आपदाओं का भी डटकर मुकाबला किया है. 

बैकग्राउंड


पिछली बार 25 अप्रैल को नरेंद्र मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में अपना पूरा भाषण कोरोना महामारी पर ही केंद्रित रखा था. उन्होंने लोगों को सावधानी बरतने और वैक्सीनेशन की सलाह भी दी थी. वहीं कोरोना के कारण जान गंवाने वाले लोगों के प्रति संवेदना भी व्यक्त की थी. इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कोरोना की दूसरी लहर के खतरे की चुनौतियों को भी देश की जनता से साझा किया था. उन्होंने पिछली बार नर्सिंग स्टाफ, एंबुलेंस चालकों समेत स्वास्थ्य कर्मचारियों की तारीफ भी की थी. पीएम मोदी ने 'दवाई भी, कड़ाई भी' का मंत्र भी दोहराया था.

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गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हर महीने के आखिरी रविवार को मन की बात कार्यक्रम के जरिए देश को संबोधित करते हैं. इस दौरान वह देश के अलग-अलग विषयों पर मन की बात करते हैं. कार्यक्रम का प्रसारण AIR, DD News, PMO और सूचना और प्रसारण मंत्रालय के YouTube चैनलों पर किया जाता है. इसके अलावा तमाम न्यूज चैनल भी कार्यक्रम को लाइव करते हैं. पिछली बार 28 अप्रैल को पीएम मोदी ने इस कार्यक्रम के जरिए राष्ट्र को संबोधित किया था.