सोमवार को द्रविड़ मुनेत्र कषगम (डीएमके) ने राज्यसभा चुनाव के लिए तमिलनाडु से दो प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया. इसके साथ ही असम से पांच बार राज्यसभा पहुंचे पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह के तमिलनाडु से संसद के उच्च सदन में पहुंचने के कयासों पर पूर्ण विराम लग गया. हालांकि इस दरवाजे के बंद हो जाने के बाद कांग्रेस आलाकमान मनमोहन सिंह को राजस्थान से राज्यसभा में भेजने पर विचार कर रहा है. गौरतलब है कि बीजेपी के सांसद मदनलाल सैनी के निधन से राज्य सभा सीट खाली हुई है.
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डीएमके ने नहीं माना कांग्रेस का प्रस्ताव
इसके पहले कांग्रेस डीएमके के सहयोग से मनमोहन सिंह को तमिलनाडु से राज्य सभा में भेजने की गणित बैठा रही थी. यह अलग बात है कि सोमवार को पार्टी अध्यक्ष एम के स्टालिन ने राज्य सभा के लिए राज्य से श्रमिक नेता एम शनमुगम और वरिष्ठ अधिवक्ता पी विल्सन के नामों की घोषणा कर दी. तीसरी सीट डीएमके अपने सहयोगी एमडीएमके को देगी. ऐसे में कांग्रेस की मनमोहन सिंह को लेकर गणित यहां फेल हो गई. साथ ही डीएमके के साथ भविष्य के संबंधों पर भी प्रश्नचिन्ह लग गया.
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राजस्थान में है पर्याप्त गणित और अवसर भी
इस बदले घटनाक्रम के बाद कांग्रेस ने भी अपनी रणनीति बदल दी है. अब मनमोहन सिंह राजस्थान से राज्य सभा सांसद चुने जा सकते हैं. बीजेपी के सांसद मदनलाल सैनी के निधन के बाद राजस्थान में एक राज्य सभा सीट खाली हुई है. कांग्रेस के पास फिलहाल 100 विधायक हैं और 11 कांग्रेस समर्थक निर्दलीय हैं. बीजेपी के पास केवल 72 विधायक ही हैं. ऐसे में 200 सदस्यीय वाली राजस्थान विधानसभा में कांग्रेस के पास राज्यसभा की यह सीट जीतने का मौका है.
HIGHLIGHTS
- डीएमके ने तमिलनाडु की तीनों सीटों पर प्रत्याशी घोषित किए.
- अब कांग्रेस मनमोहन सिंह को राजस्थान से भेज सकती है राज्य सभा.
- राजस्थान में कांग्रेस के पास है पर्याप्त संख्याबल.