केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit shah) ने नागरिकता संशोधन बिल लोकसभा में पेश कर दिया है. इस बिल की संवैधानिक वैधता पर लोकसभा में चर्चा हो रही है. इस बिल का कांग्रेस समेत विपक्षी पार्टियां कड़ा विरोध कर रही है. गृह मंत्री अमित शाह ने बिल पर चर्चा के दौरान कांग्रेस पर जमकर वार किया. जिस पर कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी (Manish tiwari) ने पलटवार करते हुए कहा कि हम इस विधेयक के विरोध में हैं. यह बिल बाबा साहेब आंबेडकर के संविधान के विरुद्ध है.
मनीष तिवार ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय संधि पर दस्तखत करने की वजह से हमारा कर्तव्य बनता है कि हमारे देश में आने वाले शरणार्थियों को मानवीय आधार पर बिना उनके धर्म या मजहब को देखे उनको शरण दें. यह भारत का मूलभूत सिद्धांत रहा है.
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कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने बताया, 'यह (बिल) भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14, अनुच्छेद 15, अनुच्छेद 21, अनुच्छेद 25 और 26 के खिलाफ है. यह विधेयक असंवैधानिक है और समानता के मूल अधिकार के खिलाफ है.
Manish Tewari,Congress in Lok Sabha: This is against article 14, article 15, article 21, article 25 and 26 of the Indian constitution. This bill is unconstitutional and against basic right of equality #CitizenshipAmendmentBill2019 pic.twitter.com/JICl0zH0l8
— ANI (@ANI) December 9, 2019
मनीष तिवारी ने अमित शाह के उस बयान का भी पलटवार किया जिसमें उन्होंने कहा कि देश के बंटवारे के लिए कांग्रेस जिम्मेदार है. मनीष तिवारी ने कहा कि मैं यहां साफ करना चाहता हूं कि टू नेशन थ्योरी (दो राष्ट्र सिद्धांत) की नींव 1935 में अहमदाबाद में सावरकर ने हिंदू महासभा के सत्र में रखी थी, न कि कांग्रेस ने.
Manish Tewari,Congress in Lok Sabha: Today Home Minister said that Congress is responsible for partition on basis of religion. I want to make it clear that the foundation for two nation theory was laid in 1935 in Ahmedabad by Savarkar in a Hindu Mahasabha session, & not Congress https://t.co/Nvf79LQSW5 pic.twitter.com/vUq5cqnLny
— ANI (@ANI) December 9, 2019
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इससे पहले नागरिकता संशोधन बिल पर बहस के दौरान गृहमंत्री अमित शाह ने कांग्रेस पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि इस बिल में किसी के साथ अन्याय होने की बात पूरी तरह से गलत है. किसी के साथ अन्याय होने का आरोप गलत और निराधार है. नागरिकता बिल हमारे घोषणा पत्र के मुताबिक है. इस बिल के लागू होने के बाद 70 सालों से जिन्हें न्याय नहीं मिला उन्हें नागरिकता बिल से न्याय मिलेगा. अमित शाह ने कहा कि भारत ने शरणार्थियों को हमेशा स्वीकार किया है. भारत ने न सिर्फ उन्हें सम्मान दिया बल्कि ऊंचे पदों तक भी पहुंचाया है.
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो