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GST काउंसिल की मीटिंग पर मनीष सिसोदिया ने कहा, केंद्र ने राज्यों संग धोखा किया

GST काउंसिल की आज 41वीं बैठक थी. इस बैठक के बाद दिल्ली सरकार के मंत्री मनीष सिसोदिया ने प्रेस कॉनफ्रेंस की. उन्होंने कहा कि मीटिंग में यह बात उठी है कि रेवेन्यू और इकॉनमी के हिसाब से यह मुश्किल दौर में है.

Updated on: 28 Aug 2020, 12:07 AM

नई दिल्ली:

GST काउंसिल की आज 41वीं बैठक थी. इस बैठक के बाद दिल्ली सरकार के मंत्री मनीष सिसोदिया ने प्रेस कॉनफ्रेंस की. उन्होंने कहा कि मीटिंग में यह बात उठी है कि रेवेन्यू और इकॉनमी के हिसाब से यह मुश्किल दौर में है. उन्होंने कहा कि इसमें यह पता नहीं चला कि GST के तहत केंद्र सरकार राज्य सरकारों को Compensation देगी या नही? अगर Compensation मिलता है तो क्या इसके लिए लोन राज्य सरकार लेगी या केंद्र सरकार?

उन्होंने कहा कि 2016-17 में केंद्र ने राज्यों और देश को सपना दिखाया की वो सबसे बड़ा टैक्स रिफॉर्म ला रहे हैं. जनता को कहा कि महंगाई कम होगी. राज्यों को कहा कि रेवेन्यू बढ़ेंगे. राज्यों ने उस वक्त डर जताया था कि टैक्स हटा देंगे तो रेवेन्यू कम होने की स्तिथि में क्या करेंगे. तब केंद्र सरकार ने यक़ीन दिलाया था कि रेवेन्यू कम होगा तो हम ज़िम्मेदारी लेते है कि पाँच साल तक 14 प्रतिशत की रेट से मदद मिलेगी. अब तीन साल हो गये हैं राज्यों और केंद्र सरकार दोनो के ही रेवेन्यू नहीं बढ़े हैं.

आज सरकार ने नुकसान भरपाई देने से हाथ खड़े कर दिए है. केंद्र की ओर से कहा गया है कि कोविड या इस तरह की परिस्तिथि को देखते हुए Compensation की बात नहीं की गई थी. कानूनन हर हालत में देंगे ये नहीं लिखा है.

भाजपा शासित राज्यों ने भी इसका विरोध जताया है. कई राज्यों ने पुरानी मीटिंग्स के प्वाइंट्स बताए जिसके अनुसार इस स्थिति में भी Compensation केंद्र की ज़िम्मेदारी होगी. सिसोदिया ने कहा कि जब ज़्यादा फंड आया तो केंद्र सरकार ने उसे अपने फंड में डाल दिया. इस बार कम हुआ तो मना कर रहे है.

सिसोदिया ने कहा कि मैं GST का विरोधी नही हूँ पर अगर GST नहीं होता तो हमारे पास ऑप्शन्स होते. केंद्र ने कहा है कि अगर Compensation चाहिए तो RBI से लोन लें. लेकिन दिल्ली सरकार वह भी नहीं कर सकती. दिल्ली सरकार का रेवेन्यू 57 प्रतिशत डाउन है. केंद्र ने राज्यों के साथ धोखा किया है.