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मेट्रो मैन श्रीधरन की चिट्ठी पर मनीष सिसोदिया ने ये दिया जवाब

10 तारीख को श्रीधरन ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर कहा था कि, 'दिल्ली सरकार के प्रस्ताव पर सहमत न हों

Updated on: 15 Jun 2019, 01:09 PM

नई दिल्ली:

दिल्ली में महिलाओं को मेट्रो के किराय में रियायत देने के दिल्ली सरकार के खिलाफ दिल्ली मेट्रो के पूर्व प्रमुख और मेट्रो मैन के नाम से मशहूर ई श्रीधरन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी थी. इस चिट्ठी में उन्होंने पीएम मोदी से अपील की थी कि वे दिल्ली सरकार के प्रस्ताव पर सहमत न हों. वहीं अब इस मामले में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया का बयान भी सामने आया है. उन्होंने कहा, मैंने श्रीधरन साहब को चिट्ठी लिखी है और बताया है कि दिल्ली मेट्रो घाटे में जा रही है. दिल्ली मेट्रो में 40 लाख लोग सफर कर सकते हैं लेकिन फिलहाल इसमें 25 लाख यात्री ही सफर कर रहे हैं.'

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मनीष सिसोदिया ने कहा, ' महिलाओं को किराय में रियायत' देने के हमारे फैसले से दिल्ली मेट्रो को भी लाभ मिलेगा. उन्होंने कहा, मेट्रो में सफर करने वाले लोगों की संख्या बढ़ेगी और किराया कम हो जाएगा. अगर दिल्ली सरकार महिलाओं के लिए किराया दे रही है तो दिल्ली मेट्रो को खुश होना चाहिए.'

बता दें, 10 तारीख को श्रीधरन ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर कहा था कि, 'दिल्ली सरकार के प्रस्ताव पर सहमत न हों. जब मेट्रो शुरू हुई थी तब यह निर्णय लिया गया था कि किसी को भी यात्रा के लिए मेट्रो में किसी तरह की कोई छूट नहीं दी जाएगी. इस फैसले का स्वागत खुद तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने किया था और उन्होंने खुद टिकट लेकर दिसंबर 2002 में शाहदरा से कश्मीरी गेट तक पहली यात्रा की थी. दिल्ली मेट्रो केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार का संयुक्त उपक्रम है. कोई एक हिस्सेदार किसी एक हिस्से को रियायत देने का एकतरफा निर्णय नहीं ले सकता है'.

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उन्होंने आगे कहा, 'मेट्रो का अपना स्टाफ यहां तक कि प्रबंध निदेशक भी जब यात्रा करते हैं तो टिकट खरीदते हैं. दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की योजना को लागू करने में 1000 करोड़ रुपये सालाना का खर्चा आएगा. यह खर्च साल दर साल बढ़ता ही जाएगा, क्योंकि मेट्रो बढ़ेगी और किराए बढ़ेंगे. समाज के एक हिस्से को रियायत दी जाएगी, तो बाद में दूसरे इससे भी रियायत देने की मांग करेंगे जैसे कि छात्र, विकलांग, वरिष्ठ नागरिक आदि. जो कि इस रियायत के ज़्यादा हकदार हैं. यह बीमारी देश की दूसरी मेट्रो में भी फैलती जाएगी. इस कदम से दिल्ली मेट्रो अक्षम और कंगाल हो जाएगी. अगर दिल्ली सरकार महिला यात्रियों की मदद करना ही चाहती है तो उनके खातों में सीधा पैसा डाल दे.'