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टेरर फंडिंग मामले में एनआईए को मणिपुर से 48 लाख़ रुपये कैश बरामद

एनआईए का कहना है कि यह पैसा गैरकानूनी करार दिए गए आतंकवादी संगठन कंगलेपक कम्युनिस्ट पार्टी (केसीपी) के लिए प्रयोग किया जाने वाला था।

Updated on: 01 Sep 2018, 07:31 AM

नई दिल्ली:

एनआईए (राष्ट्रीय सुरक्षा जांच एजेंसी) ने मणिपुर में जांच के दौरान एक महिला के पास से कैश 48 लाख़ रूपये बरामद किए हैं। एनआईए का कहना है कि यह पैसा गैरकानूनी करार दिए गए आतंकवादी संगठन कंगलेपक कम्युनिस्ट पार्टी (केसीपी) के लिए प्रयोग किया जाने वाला था। बता दें कि जांच एजेंसी मार्च 2017 के एक केस की जांच कर रही है। इस मामले में IPC (भारतीय दंड संहिता) के सेक्शन 120बी और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) एक्ट के तहत इन संस्थाओं पर मामला दर्ज़ है।

जांच एजेंसी ने यह पैसा मणिपुर के रीजनल इंस्टीट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंस (RIMS) के एक कर्मचारी के प्रमोदिनी के पास से बरामद किया है। बताया जा रहा है कि यह पैसा एन सोबिता देवी का है जो कि इस केस में आरोपी मुटुम शायमों सिंह जवाहर लाल नेहरू इंस्टीट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंस अस्पताल के पूर्व निदेशक की पत्नी हैं। जानकारी के मुताबिक सोबिता देवी ने यह पैसा के प्रमोदिनी को टेरर फंड के तौर पर छुपाने को दिया था जो मुटुम शायमों सिंह द्वारा जमा किया गया था। बता दें कि एनआईए ने 6 जुलाई 2017 को मुटुम शायमों सिंह को गिरफ्तार किया था। बताया जाता है कि गिरफ्तारी के समय मुटुम शायमों सिंह के पास से 40,03,000 की नये नोट और 1,00,000 के पुराने नोट बरामद किए थे जो कि आंतकी गतिविधियों में इस्तेमाल किया जाना था।

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इस मामले में पिछले साल के 10 जुलाई को दिल्ली एनआईए कोर्ट में मामला दर्ज़ कराया था।