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Manipur Landslide ( Photo Credit : Twitter/ANI)
मणिपुर के इतिहास में अब तक के सबसे बड़े प्राकृतिक हादसे में 81 लोगों की मौत हो गई है. खुद मणिपुर के मुख्यमंत्री N बिरेन सिंह ने इस बात को स्वीकार करते हुए कहा कि ये त्रासदी मणिपुर के इतिहास की सबसे दुखद त्रासदी है. इस हादसे में हमने 81 लोगों को खो दिया है. अभी करीब 55 लोगों के शव मलबे में फंसे हुए हैं. उन्हें निकालने में अब भी 2-3 दिनों का समय लग सकता है. इस हादसे की सबसे बड़ी मार 107 टेरिटोरियल आर्मी की कंपनी पर पड़ी है, जिसके 55 जवान इसकी चपेट में आ गए.
The Centre has also sent NDRF and Army personnel to carry out rescue operation. Vehicle movement is affected due to moisture in the soil which is causing delay....rescue operation will take 2-3 more days: Manipur CM N Biren Singh (1.07) pic.twitter.com/7HVGUSW2ZR
— ANI (@ANI) July 1, 2022
इस हादसे में जो लोग घायल हुए, उन्हें अस्पतालों में भर्ती कराया गया है. लेकिन सबसे ज्यादा चिंता की बात ये है कि इस हादसे के बाद मौके पर मौजूद करीब 55 लोग अब भी लापता बताए जा रहे हैं. लापता लोगों में स्थानीय ग्रामीण, टेरिटोरियल आर्मी के जवान, रेलवे के कर्मचारी और मजदूर लोग शामिल हैं. इस हादसे के बाद से ही राहत एवं बचाव कार्य जारी है. जो अब भी चल रहा है.
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तुपुल रेलवे स्टेशन के पास हादसा
जानकारी के मुताबिक, ये प्राकृतिक आपदा नोनी ज़िले के तुपुल रेलवे स्टेशन के पास आई है. यहां जिरिबाम से इंफाल जाने वाली निर्माणाधीन रेलवे लाइन की सुरक्षा के लिए तैनात 107 टेरिटोरियल आर्मी की पूरी कंपनी भी भूस्खलन की चपेट में आ गई है. घायलों का इलाज नोनी आर्मी मेडिकल यूनिट में किया जा रहा है. वहीं, एनडीआरएफ-एसडीआरएफ के जवान राहत-बचाव कार्य में लगे हुए हैं. कई लोगों को बचाया भी गया है. स्थानीय प्रशासन भी राहत-बचाव कार्य में जुटा हुआ है.
HIGHLIGHTS
- मणिपुर हादसे में 81 लोगों की मौत
- टेरिटोरियल आर्मी की पूरी कंपनी तबाह
- शवों को निकालने में लगेंगे 2-3 दिन