Advertisment

माणिक साहा ने त्रिपुरा में दूसरी बार भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार बनाने का दावा पेश किया (लीड-1)

माणिक साहा ने त्रिपुरा में दूसरी बार भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार बनाने का दावा पेश किया (लीड-1)

author-image
IANS
New Update
Manik Saha

(source : IANS)( Photo Credit : (source : IANS))

Advertisment

भाजपा विधायक दल का नेता चुने गए कार्यवाहक मुख्यमंत्री माणिक साहा ने सोमवार देर शाम राजभवन में राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य से मुलाकात की और त्रिपुरा में दूसरी बार भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार बनाने का दावा पेश किया।

विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद साहा ने ट्विटर पर लिखा, मुझे विधायक दल का नेता चुनने के लिए मैं सभी का आभार व्यक्त करता हूं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में हम उन्नत त्रिपुरा, श्रेष्ठ त्रिपुरा के निर्माण के लिए मिलकर काम करेंगे और सभी वर्गो के लोगों का कल्याण सुनिश्चित करेंगे।

16 फरवरी को हुए विधानसभा चुनाव में पार्टी के मुख्यमंत्री पद का चेहरा रहे साहा को भाजपा के कई केंद्रीय नेताओं और मुख्यमंत्रियों ने बधाई दी है।

इससे पहले सोमवार शाम विधायक दल की बैठक में भाजपा के केंद्रीय पर्यवेक्षक रहे असम के परिवहन मंत्री परिमल सुखाबैद्य ने विधायक दल के नेता के तौर पर साहा के नाम की घोषणा की।

साहा का नाम केंद्रीय राज्यमंत्री प्रतिमा भौमिक ने प्रस्तावित किया। प्रतिमा पहली बार धनपुर विधानसभा क्षेत्र से चुनी गई हैं।

मुख्यमंत्री और नए मंत्रिपरिषद का शपथ ग्रहण समारोह बुधवार को यहां विवेकानंद स्टेडियम में होगा।

इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जे.पी. नड्डा, कई केंद्रीय नेता और मुख्यमंत्री शामिल होंगे।

16 फरवरी को हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 32 सीटों पर जीत हासिल की, जो 60 सदस्यीय विधानसभा में 31 के जादुई आंकड़े से एक अधिक थी, जबकि उसके सहयोगी इंडीजेनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा को एक सीट मिली।

साहा टाउन बोरडोवली सीट से दूसरी बार अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के आशीष कुमार साहा को 1,257 मतों के अंतर से हराकर दूसरी बार निर्वाचित हुए हैं।

माणिक साहा पहली बार पिछले साल जून में हुए उपचुनाव में आशीष कुमार साहा को 6,104 मतों के अंतर से हराकर विधानसभा के लिए चुने गए थे।

70 वर्षीय भाजपा नेता साहा पार्टी की राज्य इकाई के प्रमुख और कुछ समय के लिए राज्यसभा सदस्य भी रहे। उन्होंने पिछले साल 15 मई को पूर्व मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब के इस्तीफा देने के एक दिन बाद मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी।

भाजपा ने लगातार दूसरे कार्यकाल के लिए त्रिपुरा में सत्ता बरकरार रखी।

आदिवासी-आधारित टिपरा मोथा पार्टी (टीएमपी), जिसने पहली बार अपने दम पर 42 सीटों पर चुनाव लड़ा, 13 सीटें हासिल करके दूसरी सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी।

माकपा ने 11 सीटें जीतीं, जबकि कांग्रेस को तीन सीटें मिलीं।

सीपीआई-एम के नेतृत्व वाले वाम मोर्चा, जिसने कांग्रेस के साथ सीट बंटवारे की व्यवस्था में चुनाव लड़ा था, ने 47 उम्मीदवारों को मैदान में उतारा था, जबकि 13 सीटें कांग्रेस को आवंटित की गई थीं।

भाजपा की सहयोगी इंडीजिनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) ने दक्षिणी त्रिपुरा की जोलाईबाड़ी सीट पर जीत हासिल की है।

2018 के विधानसभा चुनावों में भाजपा ने 36 सीटें जीती थीं, उसके सहयोगी आईपीटीएफ ने आठ सीटें जीती थीं, जबकि माकपा ने 16 सीटें हासिल की थीं।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Source : IANS

Advertisment
Advertisment
Advertisment