2021-22 आबकारी नीति मामले में दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज कर दी।
न्यायमूर्ति दिनेश कुमार शर्मा ने कहा कि सिसोदिया धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएएमलए) के तहत जमानत देने की दोहरी शर्तों और जमानत देने के लिए ट्रिपल टेस्ट को पूरा करने में सक्षम नहीं थे।
उच्च न्यायालय ने कहा कि राउज एवेन्यू कोर्ट के विशेष न्यायाधीश एमके नागपाल द्वारा सिसोदिया को जमानत देने से इनकार करने का आदेश तर्कसंगत था।
विशेष न्यायाधीश ने अभिलेख पर उपलब्ध सामग्री के आधार पर आदेश पारित किया है।
न्यायमूर्ति शर्मा ने कहा कि इस अदालत ने 30 मई, 2023 को मनीष सिसोदिया बनाम सीबीआई शीर्षक से आरोपी की जमानत याचिका भी खारिज कर दी है।
26 फरवरी को सीबीआई द्वारा सिसोदिया को गिरफ्तार करने के बाद ईडी ने उन्हें 9 मार्च को गिरफ्तार किया था।
न्यायमूर्ति शर्मा ने सह आरोपी हैदराबाद के व्यवसायी अभिषेक बोइनपल्ली, आप के संचार प्रभारी विजय नायर और परनोड रिकार्ड इंडिया के महाप्रबंधक बेनॉय बाबू को भी जमानत देने से इनकार कर दिया।
अदालत ने कहा कि नायर के खिलाफ आरोप गंभीर हैं, वह सिसोदिया का करीबी सहयोगी था और निचली अदालत के आदेश में कोई खामी नहीं है, जिसमें उसकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी।
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Source : IANS