गांधी परिवार के वफादार रहे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मणिशंकर अय्यर ने इस बार कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा है कि मां-बेटे (सोनिया गांधी और राहुल गांधी) में से ही कोई पार्टी का अध्यक्ष बन सकता है और दूसरा कोई नहीं।
मणिशंकर अय्यर को विवादित बयान देने के लिये भी जाना जाता है। लेकिन उन्होंने कभी भी गांधी परिवार के खिलाफ कुछ भी नहीं कहा है। वो हमेशा नेहरू-गांधी परिवार की तारीफ ही करते रहे हैं।
संजय गांधी के निधन के बाद राजीव गांधी के हाथ में कांग्रेस और देश का भविष्य आने की संभावनाएं दिखाई दे रही थीं। उसी समय मणिशंकर अय्यर ने राजनीति में आने का फैसला किया।
राजीव गांधी की मौत के बाद नरसिंह राव के कांग्रेस अध्यक्ष और प्रधानमंत्री रहते अय्यर सोनिया गांधी के साथ रहे। सीताराम केसरी के दौर में भी उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष का साथ नहीं छोड़ा था और सोनिया गांधी को कांग्रेस की बागडोर संभालने के लिये तैयार करते रहे और साथ ही उनको राजनीति का ककहरा भी पढ़ाया।
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यहां तक कि राहुल गांधी के सबसे बड़े समर्थक रहे हैं। उनको राजनीति में लाने और कांग्रेस की बागडोर संभालने के लिये भी वकालत भी की।
उन्होंने कभी भी मां-बेटे के खिलाफ कुछ भी नहीं कहा था। दोनों के बारे में बोलते हुए उन्होंने शब्दों को बहुत नाप-तौल कर इस्तेमाल किया है। लेकिन रविवार को हिमाचल में दिया गया उनका बयान चौंकाने वाला है।
ऐसा माना जा रहा है कि हाल के दिनों में पार्टी में दरकिनार कर दिये जाने से नाराज़ चल रहे हैं। सोनिया गांधी ने पार्टी की कमान अघोषित रूप से राहुल को दे रखी है और जो भी बड़े फैसले होते हैं वो राहुल ही कर रहे हैं।
लेकिन राहुल गांधी के सेटअप में मणिशंकर अय्यर को जगह नहीं मिल रही है। राहुल ज्यादातर युवा नेताओं को तरजीह दे रहे हैं। ऐसे में कांग्रेस के अधिकतर पुराने नेता पार्टी में दरकिनार कर दिये गए हैं। कई नेता दबी जुबान में इसको लेकर नाराज़गी भी व्यक्त कर चुके हैं।
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2017 में हुए उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में पार्टी के खराब प्रदर्शन के बाद भी मणिशंकर अय्यर ने राहुल गांधी को कांग्रेस का अध्यक्ष बनाए जाने की वकालत की थी।हाल ही में उन्होंने कहा था कि राहुल गांधी को अध्यक्ष नियुक्त किये जाने के बाद सोनिया गांधी को वृहद गठबंधन के मेंटर के तौर पर होना चाहिये। उन्होंने कहा था, 'मैं उम्मीद करता हूं कि वो ली कुआन यू यानि एक मेंटर की भूमिका निभाएंगी.... वो खुद एक महत्वपूर्ण मेंटर के तौर पर रहेंगी और राहुल को अध्यक्ष बनाएंगी जो देश की 70 फीसदी जनता का प्रतिनिधित्व करते हैं।'
अभी अगस्त में ही उन्होंने राहुल गांधी की तारीफ करते हुए कहा था कि वो सभी विपक्षी दलों को साथ लाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा था, 'हम अभी अच्छी स्थिति में नहीं हैं और हमारी कोशिश है कि समान विचारधारा के विपक्षी दलों को एक मंच पर लाएं।'
2014 के लोकसभा चुनावों के दौरान नरेंद्र मोदी को कहा था कि वो प्रधानमंत्री नहीं बन सकते लेकिन चाहें तो कांग्रेस मुख्यालय के बाहर आकर चाय बेच सकते हैं। इस बयान पर राहुल गांधी ने उनकी आलोचना भी की थी।
लेकिन इसके बाद भी राहुल गांधी से अय्यर ने नाराज़गी नहीं जाहिर की। उन्होंने कहा था, 'इसको किसने व्यक्तिगत बनाया है?.... क्या बीजेपी मेरे नेता (राहुल) को शहज़ादा नहीं बुलाती? क्या ये व्यक्तिगत नहीं है?'
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Source : News Nation Bureau