'मन की बात' के 42वें संस्करण में कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खेती-किसानी और पर्यावरण की सुरक्षा पर विशेष बल देते हुए न्यूनतम समर्थन मूल्य को लेकर बड़ा ऐलान किया।
महात्मा गांधी, लाल बहादुर शास्त्री, राम मनोहर लोहिया, चौधरी चरण सिंह और चौधरी देवीलाल का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इन सभी ने कृषि और किसान को देश की अर्थव्यवस्था और आम जीवन का अहम हिस्सा माना था।
किसानों को उचित दाम दिलाने के लिए लिए गए फैसले की घोषणा करते हुए मोदी ने कहा कि इस साल के बजट में फसल की उचित कीमत दिलाने के लिए बड़ा निर्णय लिया गया है।
उन्होंने कहा, 'यह तय किया गया है कि अधिसूचित फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य को कृषि लागत का कम से कम डेढ गुना अधिक रखा जाए।'
पीएम ने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के लिए जो लागत जोड़ी जाएगी, उसमें दूसरे श्रमिकों का मेहनताना, मवेशी, मशीन का खर्च, बीज का मूल्य, खाद का मूल्य, सिंचाई का खर्च, जमीन का राजस्व, ब्याज और अगर जमीन लीज पर ली गई है तो उसका किराया भी इस लागत में जोड़ा जाएगा।
मोदी ने कहा कि इन सब कारकों के अलावा अगर किसान या उसके परिवार में से कोई कृषि कार्य में श्रम योगदान करता है, तो उसकी कीमत भी उत्पादन लागत में जोड़ी जाएगी।
वैश्विक अर्थव्यवस्था में भारत की मजबूत भूमिका का जिक्र करते हुए पीएम ने कहा कि आज हमारे देश में सबसे ज्यादा विदेशी निवेश आ रहा है और भारत आज दुनिया की नजरों में 'इनोवेशन और विकास का हब बना हुआ है।'
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HIGHLIGHTS
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात में की बड़ी घोषणा
- कहा फसल लागत से डेढ़ गुना अधिक होगा न्यूनतम समर्थन मूल्य
Source : News Nation Bureau