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पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने अपने धुर-विरोधी सीपीएम नेता सीताराम येचुरी से फोन पर बात की है

नोटबंदी को लेकर मोदी सरकार के खिलाफ सबसे अधिक मुखर रहने वाली पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने इस बीच अपने धुर-विरोधी सीपीएम नेता सीताराम येचुरी से फोन पर बात की है

Updated on: 13 Nov 2016, 07:10 PM

highlights

  • नोटबंदी से हो रही आम लोगों की परेशानी के बीच ममत बनर्जी ने सीताराम येचुरी से बात की है
  • ममता बनर्जी ने सीपीएम के अलावा कई अन्य दलों के नेताओं से भी बातचीत की है 

New Delhi:

नोटबंदी को लेकर हो रही लोगों की परेशानी के बाद विपक्षी दलों ने इसे मुद्दा बनाने की तैयारी शुरू कर दी है। कांग्रेस, बहुजन समाज पार्टी और तृणमूल कांग्रेस ने मोदी सरकार के इस फैसले को वित्तीय आपातकाल करार दिया है।

नोटबंदी को लेकर मोदी सरकार के खिलाफ सबसे अधिक मुखर रहने वाली पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने इस बीच अपने धुर-विरोधी सीपीएम (मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी) नेता सीताराम येचुरी से फोन पर बात की है। बनर्जी ने कहा, 'आज मैंने कई नेताओं से बात की और हमारी योजना राष्ट्रपति से भी मिलने की है।'

कुछ दिनों पहले ही ममता बनर्जी ने कहा था कि देश बचाने के लिए वह सीपीएम के साथ भी काम करने को तैयार है। बनर्जी ने कहा था, 'सीपीएम के साथ हमारा वैचारिक विरोध है लेकिन देश को बचाने के लिए हम उनके साथ-साथ कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी के साथ काम करने को तैयार हैं।'

कुछ दिनों पहले ही तृणमूल कांग्रेस ने राज्यसभा को नोटिस सौंपते हुए 500 और एक हजार रुपये के नोटों को बंद करने के बाद आम आदमी को हुई असुविधा पर चर्चा कराने की मांग की थी।

तृणमूल कांग्रेस ने राज्यसभा अध्यक्ष हामिद अंसारी को नोटिस सौंपते हुए कहा कि 16 नवंबर को संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन इस पर चर्चा होनी चाहिए। बनर्जी यह आरोप लगाने से भी नहीं चूकीं कि केंद्र में सत्ता में मौजूद बीजेपी के कुछ लोगों को इस बारे में पता था कि 500 और 1000 के नोट बंद होने वाले हैं।

बनर्जी ने नोटबंदी को तत्काल हटाने की मांग करते हुए कहा कि सरकार ने बिना किसी पूर्व योजना के इसे लागू कर दिया। बनर्जी ने कहा, 'लोगों की समस्याएं सुनने के लिए मैं खुद कई बैंकों में गई। दो लाख से ज्यादा एटीएम बंद हैं। पैसे नहीं हैं। लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।'