भाजपा की चुनाव आयोग से शिकायत, ममता ने हलफनामे में तथ्यों को छुपाया
भाजपा की चुनाव आयोग से शिकायत, ममता ने हलफनामे में तथ्यों को छुपाया
कोलकाता:
भाजपा ने चुनाव आयोग से पश्चिम बंगाल के भवानीपुर विधानसभा क्षेत्र से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की उम्मीदवारी पर आपत्ति जताने के बाद अब शिकायत की है कि उन्होंने नामांकनपत्र के साथ संलग्न अपने हलफनामे में तथ्यों को छुपाया है। इससे ताजा विवाद खड़ा हो गया है।भाजपा ने शिकायत की है कि ममता ने अपने हलफनामे में अपने खिलाफ लंबित पांच आपराधिक मामलों का खुलासा नहीं किया है।
भवानीपुर विधानसभा क्षेत्र के रिटर्निग ऑफिसर को लिखे पत्र में भाजपा उम्मीदवार प्रियंका टिबरेवाल के मुख्य चुनाव एजेंट सजल घोष ने कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपने हलफनामे में उनके खिलाफ लंबित पांच आपराधिक मामलों का खुलासा नहीं किया है।
मामलों की जानकारी देते हुए घोष ने कहा कि मुख्यमंत्री पर भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी (आपराधिक साजिश), धारा 153ए (शत्रुता को बढ़ावा देना) और धारा 338 (दूसरों की जान या निजी सुरक्षा को खतरे में डालकर गंभीर चोट पहुंचाना) के तहत मामला दर्ज किया गया है। ये मामले गीता नगर थाना, पानबाजार थाना, जगीरोड पुलिस थाना, लखीमपुर थाना और उदरबोंड थाना समेत असम के कई थानों में दर्ज हैं।
घोष ने कई अखबारों की खबरों का हवाला देते हुए कहा कि ममता बनर्जी ने अपने हलफनामे में इन मामलों का जिक्र नहीं किया है और इसलिए उनका नामांकनपत्र स्वीकार नहीं किया जाना चाहिए।
ममता जब विधानसभा चुनाव में नंदीग्राम से तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की उम्मीदवार थीं, उस दौरान भी उन्हें भाजपा उम्मीदवार की इसी तरह की आपत्तियों का सामना करना पड़ा था। उन्होंने शिकायत की थी कि ममता ने हलफनामे में अपने खिलाफ लंबित छह मामलों का जिक्र नहीं किया है। छह मामलों में से पांच वही मामले हैं, जिनका उल्लेख घोष ने अपनी शिकायत में किया है।
ममता बनर्जी हालांकि नंदीग्राम में शुभेंदु अधिकारी से चुनाव गईं। अब वह उपचुनाव में दक्षिण कोलकाता की भवानीपुर विधानसभा सीट ने उम्मीदवार हैं। वह इस सीट से 2011 और 2016 में जीत चुकी हैं।
ममता इस बात से वाकिफ हैं कि इस बार भवानीपुर में चीजें उतनी आसान नहीं हैं, जितनी 2011 में थीं। उस समय उन्होंने वामपंथी उम्मीदवार को 49,936 मतों से जीत हासिल की थी। लगभग 63.78 प्रतिशत मतदान के साथ उनकी जीत का अंतर 21.91 प्रतिशत था। लेकिन, 2016 में उनकी जीत का अंतर लगभग आधा रह गया। 66.83 प्रतिशत मतदान के साथ, ममता ने 10.21 प्रतिशत के अंतर से 25,301 मतों से जीत हासिल की थी।
डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.
वीडियो
IPL 2024
-
PBKS vs MI Dream11 Team : पंजाब और मुंबई के मैच में ये हो सकती है ड्रीम11 टीम, इन्हें चुनें कप्तान
-
PBKS vs MI Head to Head : पंजाब और मुबंई में होती है कांटे की टक्कर, हेड टू हेड आंकड़ों में देख लिजिए
-
PBKS vs MI Pitch Repot : बल्लेबाज मचाएंगे धमाल या और गेंदबाज मारेंगे बाजी? जानें कैसी होगी मोहाली की पिच
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Hanuman Jayanti 2024 Date: हनुमान जयंती पर बनेगा गजलक्ष्मी राजयोग, जानें किन राशियो की होगी आर्थिक उन्नति
-
भारत के इस मंदिर में नहीं मिलती पुरुषों को एंट्री, यहां होते हैं कई तांत्रिक अनुष्ठान
-
Mars Transit in Pisces: 23 अप्रैल 2024 को होगा मीन राशि में मंगल का गोचर, जानें देश और दुनिया पर इसका प्रभाव
-
Kamada Ekadashi 2024: कामदा एकादशी से पहले जरूर करें 10 बार स्नान, सफलता मिलने में नहीं लगेगा समय