करोड़ों रुपये के शिक्षक भर्ती घोटाले के सिलसिले में शनिवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा गिरफ्तार किए गए पार्टी नेता पार्थ चटर्जी से तृणमूल कांग्रेस नेतृत्व ने भले ही दूरी बना ली हो, लेकिन चटर्जी के लिए तृणमूल सुप्रीमो और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सांत्वना का एकमात्र और अंतिम स्रोत बनी हुई हैं, जैसा कि उनके गिरफ्तारी मेमो से स्पष्ट हुआ है।
ईडी सूत्रों ने कहा कि किसी को भी हिरासत में लेते समय एजेंसी गिरफ्तारी मेमो जारी करने की प्रक्रिया का पालन करती है।
उस प्रक्रिया में उस व्यक्ति को गिरफ्तार करती है, उस व्यक्ति का नाम और संपर्क नंबर, जिसे वह हिरासत में रहते हुए संपर्क करना चाहेगा। गिरफ्तारी ज्ञापन में उस व्यक्ति के नाम और संपर्क विवरण का उल्लेख किया जाता है।
इस मामले में, राज्य के वाणिज्य और उद्योग मंत्री और साथ ही पार्टी के महासचिव चटर्जी ने ममता बनर्जी के नाम और मोबाइल नंबर का उल्लेख किया, जिसे बाद में गिरफ्तारी ज्ञापन में जोड़ा गया।
दरअसल, शनिवार दोपहर ईडी के अधिकारियों द्वारा मेडिकल चेकअप के लिए ले जाने के दौरान चटर्जी ने कहा, मुझे नहीं पता कि वे मुझे कहां ले जा रहे हैं। मैंने कोशिश की, लेकिन मैं अभी तक अपनी शीर्ष नेता ममता बनर्जी से संपर्क नहीं कर पाया हूं।
हालांकि, पार्टी के चार शीर्ष नेताओं ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई और घोषणा की कि पूरे मामले की जिम्मेदारी चटर्जी के पास है, ना कि पार्टी पर।
राज्य के परिवहन मंत्री और कोलकाता के मेयर फिरहाद हकीम ने ममता बनर्जी से संपर्क करने की कोशिश करने के चटर्जी के दावे पर संदेह व्यक्त करते हुए कहा, जैसे ही गिरफ्तारी की जाती है, फोन आमतौर पर एजेंसी के अधिकारियों द्वारा जब्त कर लिया जाता है। तो पार्थ चटर्जी मुख्यमंत्री से संपर्क करने की कोशिश कैसे कर सकते हैं?
पार्टी नेतृत्व ने यह भी स्पष्ट किया कि अगर चटर्जी जांच के अंत में दोषी पाए जाते हैं, तो वह उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने से नहीं हिचकेंगे।
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Source : IANS