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अगले हफ्ते प्रधानमंत्री मोदी से मिल सकती हैं ममता बनर्जी

अगले हफ्ते प्रधानमंत्री मोदी से मिल सकती हैं ममता बनर्जी

Updated on: 16 Nov 2021, 11:55 AM

कोलकाता:

अगर तय कार्यक्रम में कोई बदलाव नहीं हुआ तो अगले सप्ताह के मध्य तक मुख्यमंत्री ममता बनर्जी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर सकती हैं।

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार बनर्जी 22 नवंबर को दिल्ली जा सकती हैं और उनके 25 नवंबर को उनके वापस लौटने की संभावना है। राष्ट्रीय राजधानी में अपने दो दिवसीय प्रवास के दौरान उनके प्रधानमंत्री से मिलने और तमाम लंबित मुद्दों पर चर्चा करने की संभावना है।

सीएमओ (मुख्यमंत्री कार्यालय) के सूत्रों ने संकेत दिया कि प्रधानमंत्री के साथ मुख्यमंत्री की चर्चा राज्य के लंबित वित्तीय बकाया और हाल ही में बीएसएफ के संचालन क्षेत्र के 15 किलोमीटर से 50 किलोमीटर के विस्तार के इर्द-गिर्द घूम सकती है। मुख्यमंत्री बनर्जी के कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी सहित विपक्षी दलों के नेताओं से भी मिलने की संभावना है।

बीएसएफ के संचालन के क्षेत्र के विस्तार से सियासी विवाद ने तूल पकड़ लिया है और तृणमूल कांग्रेस के कई नेताओं ने केंद्र के इस फैसले के खिलाफ आवाज उठाई है। आरोप लगाया गया है कि यह फैसला देश के संघीय ढांचे से छेड़छाड़ करने की कोशिश है।

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र के फैसले का विरोध करते हुए प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है। तृणमूल कांग्रेस ने मंगलवार को विधानसभा में इसके खिलाफ प्रस्ताव लाने का भी फैसला किया है। तृणमूल के वरिष्ठ नेता सौगत रॉय ने कहा कि पार्टी संसद के शीतकालीन सत्र में इस मुद्दे को उठाएगी। ऐसे में उम्मीद है कि बनर्जी इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री के साथ चर्चा कर सकती है।

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी राज्य के लंबित वित्तीय बकाये को लेकर मुखर रही हैं। उम्मीद है कि वह राज्य के वित्तीय बकाये के बारे में भी प्रधानमंत्री को अवगत कराएंगी। हाल ही में वित्त राज्य मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने सोमवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ बैठक के दौरान यह मुद्दा उठाया था।

राज्य के मुताबिक केंद्र उपकर लगाकर अपनी आय बढ़ा रहा है, लेकिन राज्यों को उनका हिस्सा नहीं मिल रहा है। राज्य की मांग थी कि केंद्र द्वारा सकल घरेलू उत्पाद का 5 प्रतिशत ऋण लेने का अधिकार केवल 3.5 प्रतिशत पर स्वीकार किया जाए। इतना ही नहीं, राज्य यह आरोप लगाते रहे हैं कि उन्हें केंद्र-राज्य संचालित परियोजनाओं के लिए केंद्रीय धन का हिस्सा नहीं मिल रहा है। केंद्र आपदा प्रभावित लोगों के लिए फंड भी जारी नहीं कर रहा है।

जुलाई में तीसरी बार सत्ता में आने के बाद बनर्जी दिल्ली आई थी और सोनिया गांधी समेत कई नेताओं से मुलाकात की लेकिन इन कुछ महीनों में हालात कुछ बदल गए हैं। ममता बनर्जी और अभिषेक बनर्जी ने भाजपा के खिलाफ विपक्ष का नेतृत्व करने में असमर्थ रहने पर कांग्रेस के खिलाफ भी बार-बार हमला किया है।

तृणमूल के गोवा और त्रिपुरा जैसे छोटे राज्यों में अपने संगठन को फैलाने की कोशिशों के साथ, पिछले पांच महीनों में तृणमूल कांग्रेस और ममता बनर्जी का नजरिया बदल गया है। जिस पार्टी को कभी क्षेत्रीय संगठन माना जाता था, वह राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस के विकल्प के रूप में उभरने की कोशिश कर रही है। इसलिए ममता बनर्जी की विपक्षी नेताओं के साथ बैठक महत्वपूर्ण होगी।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.