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नंदीग्राम सीट से ममता बनर्जी आज दाखिल करेंगी नामांकन, शुभेंदु अधिकारी से है महामुकाबला 

किसान बहुल नंदीग्राम में वामपंथी सरकार की ओर से वर्ष 2007 में विशेष आर्थिक क्षेत्र के तहत जमीन अधिग्रहण का विरोध किया गया था. इसके बाद अगले चार वर्षों में किसानों की हालत में और गिरावट दर्ज की गई.

Updated on: 10 Mar 2021, 08:13 AM

highlights

  • ममता बनर्जी इस बार नंदीग्राम से चुनाव लड़ रही हैं
  • ममता बनर्जी से पुराने सहयोगी शुभेंदु अधिकारी बीजेपी से प्रत्याशी हैं
  • पश्चिम बंगाल में आठ चरणों में मतदान होना है

कोलकाता:

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी आज यानी बुधवार को नंदीग्राम सीट से अपना नामांकन दाखिल करेंगी. ममता बनर्जी की चुनाव की घोषणा के बाद नंदीग्राम में पहली यात्रा है. नामांकन के बाद उनका रोड शो भी होगा. किसान बहुल नंदीग्राम में वामपंथी सरकार की ओर से वर्ष 2007 में विशेष आर्थिक क्षेत्र के तहत जमीन अधिग्रहण का विरोध किया गया था. इसके बाद अगले चार वर्षों में किसानों की हालत में और गिरावट दर्ज की गई. नंदीग्राम सीट से ममता बनर्जी का मुकाबला भाजपा प्रत्याशी शुभेंदु अधिकारी से होगा, जो कभी उनके बेहद करीबी हुआ करते थे. 

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‘बाहरी’ को लेकर बरसीं
ममता बनर्जी पर नंदीग्राम से चुनाव लड़ने को लेकर लगे बाहरी के आरोप पर वह जमकर बरसीं. ममता बनर्जी का कहना है कि वह जनता की मांग पर नंदीग्राम से चुनाव लड़ रही हैं. ममता बनर्जी ने कहा कि उन पर बाहरी होने का आरोप लगाने वाले नेता खुद दूसरे राज्यों से आए हैं.  ममता बनर्जी ने कहा कि बाहरी राज्यों से आए लोगों को अपना जमीर बेच दिया है, वे सांप्रदायिकता का सहारा लेकर नंदीग्राम को बदनाम कर रहे हैं. नंदीग्राम की जनता ऐसे लोगों को सबक सिखाएगी. 

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ममता ने कहा कि उन्होंने पहले ही सिंगूर या नंदीग्राम में से किसी एक सीट से चुनाव लड़ने का मन बना लिया था. जनता की जबरदस्त मांग को देखते हुए उन्होंने नंदीग्राम सीट चुनी. सिंगूर और नंदीग्राम बंगाल में भूमि अधिग्रहण के खिलाफ हुए आंदोलन का मुख्य केंद्र रहे थे. इस आंदोलन ने 2011 में ममता को मुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुंचाया था. तृणमूल प्रमुख ने कहा, ‘मैंने सुना है कि कुछ लोग मुझे नंदीग्राम में बाहरी बता रहे हैं. मैं हैरान हो गई. मैं पड़ोसी बीरभूम जिले में जन्मीं और पली-बढ़ी हूं. आज मैं बाहरी हो गई और जो गुजरात से आए हैं, वे बंगाल में स्थानीय हो गए.’ मुख्यमंत्री ने हिंदू विरोधी होने के भाजपा के आरोप खारिज किए. उन्होंने कहा कि वह एक ब्राह्मण हैं और हिंदू रस्मों के बारे में भगवा पार्टी के नेताओं से कहीं ज्यादा जानती हैं. साथ ही चुनौती दी कि अगर किसी को मेरे धर्म के बारे में शक है तो मैं उससे बहस करने और हिंदू श्लोकों के पाठ में प्रतिस्पर्धा करने को तैयार हूं. ममता गुरुवार को नंदीग्राम में शिवरात्रि की पूजा करेंगी.