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ममता बनर्जी के भरोसेमंद शुभेंदु अधिकारी (Shubhendu Adhikari) ने दिखाए बगावती तेवर, कैबिनेट बैठक से नदारद

पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) के भरोसेमंद कहे जाने वाले टीएमसी के बड़े नेता शुभेंदु अधिकारी (Suvendu Adhikari) राज्य सरकार की कैबिनेट से नदारद रहे. उनके बागी तेवर भी देखने को मिल रहे हैं.

Updated on: 12 Nov 2020, 01:37 PM

कोलकाता:

पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव की आहट शुरू हो चुकी है. राजनीति दलों ने अभी से अपनी रणनीति शुरू कर दी है. बीजेपी ने पश्चिम बंगाल में पैर जमाने के लिए जोर लगाना शुरू कर दिया है. चुनाव से पहले बीजेपी ममता बनर्जी को बड़ा झटका देने की तैयारी में है. तृणमूल कांग्रेस में नंबर दो कहे जाने वाले ममता सरकार में कैबिनेट मंत्री शुभेंदु अधिकारी बगावत की राह पर हैं. उन्होंने नंदीग्राम में एक अलग रैली कर बगावत का बिगुल फूंक दिया. इसके बाद वह गुरुवार को हुई ममता बनर्जी की कैबिनेट बैठक में भी नहीं पहुंचे.  

तीन और मंत्री नदारद 
इतना ही नहीं ममता बनर्जी की अहम कैबिनेट बैठक में सरकार के तीन और मंत्री राजीव बंद्योपाध्याय, गौतम देव और रवींद्रनाथ घोष भी बैठक में नहीं पहुंचे. सूत्रों का कहना है कि ममता बनर्जी ने शुभेंदु अधिकारी के करीबी इन तीनों ही मंत्रियों की सुरक्षा भी हटा दी है. उधर बीजेपी पहले ही शुभेंदु अधिकारी को खुला ऑफर दे चुकी है. अगर ये सभी मंत्री बीजेपी में शामिल होते हैं तो ममता बनर्जी की परेशानी बढ़ना तय है. हाल ही में 5 नवंबर को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाहबंगाल में दो दिवसीय दौरे पर गए थे. इसके बाद से ही पश्चिम बंगाल में राजनीतिक गर्माहट तेज हो गई है.  

पार्टी से चल रहे नाराज
बताया जा रहा है कि शुभेंदु पिछले काफी समय से टीएमसी नाराज चल रहे हैं. जानकारी के मुताबिक शुभेंदु पिछले एक महीने में जहां भी रैली के लिए गए हैं, उन्होंने ना ही ममता बनर्जी और ना ही टीएमसी का नामोनिशान उनकी रैली में नजर आया. इतना ही नहीं वह अपनी रैली के बाद हर बार भारत माता की जय के भी नारे लगाते नजर आए. इससे साफ जाहिर हो रहा है कि वह बागवत कर अपनी राह अलग करने वाले हैं. दरअसल शुभेंदु को पश्चिम बंगाल का बड़ा कद्दावर नेता माना जाता है. नंदीग्राम इलाके में उनकी काफी पहुंच मानी जाती है.